प्रेमानंद महाराज ने बताया, जीवन के अंतिम समय में हमें क्या करना चाहिए?

इंसान की ख्वाहिश होती है कि उसके जीवन का अंतिम समय बेहतर तरीके से गुजरे. इसके लिए वह क्या कुछ नहीं करता है.

इसके बावजूद कई बार वह किसी के ऊपर बोझ बन जाता है तो कई बार उसके अपने ही उसे किसी वृद्धाश्रम पहुंचा देते हैं.

हाल ही में प्रेमानंद महाराज ने बताया है कि जीवन के अंतिम समय में क्या करना चाहिए ताकि हम किसी के ऊपर बोझ ना बनें.

प्रेमानंद महाराज से जब एक भक्त ने पूछा, "महाराज जी ऐसा क्या करें कि जीवन के अंतिम समय में किसी के ऊपर बोझ नहीं बनूं. 

जीवन के अंतिम समय में किसी को मेरी सेवा ना करनी पड़े. मेरे कारण किसी को कोई तकलीफ ना हो. अंतिम समय में मेरे मन में सिर्फ भगवान का स्मरण आए."

प्रेमानंद महाराज कहते हैं, "कुछ परिवर्तन नहीं करना है, सिर्फ अपने अंदर के उद्देश्य को परिवर्तित करना है. अपने जीवन को भगवान को सौंप देना है.''

प्रेमानंद महाराज कहते हैं, 'हमें खुद को ह्रदय से भगवान के शरणागत करना है. भगवान से यह कहना है कि आज से मैं अपना जीवन आपके हवाले करता हूं.'

जब हम अपने आप को भगवान को सौंप देते हैं. जब यह विश्वास हो जाता है कि भगवान के सिवा मेरा ना कोई था, ना है और ना रहेगा. इसी संकल्प से यह बात मिट जाएगी कि हमें किसी सहारे की जरूरत है.