हर एक इंसान की इच्छा होती है कि वह तरक्की करे. उसके पास धन-दौलत की कोई कमी ना हो.
प्रेमानंद महाराज ने हाल ही में बताया है कि कौन इंसान जीवन में कभी तरक्की नहीं कर पाता है और उसका नाश हो जाता है.
सुख-शांति से जिंदगी बिताने की इच्छा में इंसान कठिन परिश्रम भी करता है, लेकिन कई बार वह अधर्म का भी मार्ग चुन लेता है.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं, अधर्म के रास्ते चलने वाले इंसान को एक समय तक के लिए तरक्की तो मिलती है.
उसका यह तरक्की उसके द्वारा पिछले जन्म में किए गए पुण्य का प्रताप होता है. लेकिन बहुत ऊंचाई पर पहुंचते ही उसे पटक दिया जाता है.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि अधर्म के रास्ते हासिल सब कुछ छिन जाएगा. सब कुछ नाश हो जाएगा.
प्रेमानंद महाराज कहना है कि जब अधर्म के आगे रावण की नहीं चली तो इसमें हमारी-आपकी बात ही क्या है.
यहां तो दो भुजाएं हैं. अर्जुन की तो हजार शास्त्रभुजाएं काम नहीं आई. पूरे वंश का नाश हो गया.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि अधर्म का आचरण करने वाला कभी सुखी नहीं रहता है. उसका नाश हो जाता है.