अमेरिका के दो खतरनाक प्रयोग, जिनसे वियतनाम में मच गई थी तबाही

By Aajtak.in

5 April 2023

9 फरवरी 1965 को अमेरिका ने अपने 3500 सैनिक वियतनाम में उतारे. फिर हुई वियतनाम युद्ध की शुरुआत.

साल 1968 तक अमेरिका 5 लाख से भी ज्यादा सैनिक वियतनाम में तैनात कर चुका था. अमेरिका बस कैसे भी करके यह युद्ध जीतना चाहता था.

वियतनाम के पास उस समय बहुत ज्यादा सेना नहीं थी. लेकिन आम लोगों ने भी हथियार उठा लिए और जंग में शामिल हो गए.

सिर्फ मर्द ही नहीं, महिलाएं भी इस युद्ध में शामिल हो गईं थीं. वियतनाम की महिलाओं की बहादुरी देख अमेरिकी सेना भी घबराने लगी थी.

अमेरिका ने इसके बाद एक चाल चली. उसने वियतनाम की महिलाओं को बंदी बनाना शुरू किया. बाद में महिलाओं को वे लोग एंपटी प्रेगनेंसी प्रोलैक्टीन देने लगे.

दरअसल, इसके इस्तेमाल से महिलाएं काफी उत्तेजित हो जाती हैं. उनके अंदर सोचने-समझने की शक्ति नहीं रहती है. इस तरह महिलाओं ने वियतनाम की सेना के कई राज उगल दिए.

बता दें, इस ड्रग से महिलाओं के अंदर कई तरह की गंभीर बिमारियां पैदा होने लगीं. कई महिलाओं में मिल्क डिस्चार्ज और कैंसर जैसी समस्याएं पैदा हो गईं.

अमेरिका यहीं नहीं रुका. 1975 में वापस जाने से पहले उसने वियतनाम में एक और केमिकल हथियार का प्रयोग किया. जिसे एजेंट ओरेंज कहते हैं.

एयरक्राफ्ट के जरिए वियतनाम की जमीन पर लगी फसलों पर 67 मिलियन लीटर एजेंट ओरेंज का छिड़काव किया गया. इसका असर वहां के लोगों पर देखने को मिला.

5 लाख से ज्यादा नवजात बच्चों के अंदर एजेंट ओरेंज जैसा खतरनाक जहर पाया गया था. 20 लाख से ज्यादा बच्चों में कैंसर के लक्षण पाए गए.

कुल 50 लाख से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए थे. आज भी वियतनाम में बच्चों में उस जहर का असर कहीं न कहीं देखने को मिलता है.