21 Nov 2024
Credit: Meta AI
दमघोंटू प्रदूषण से निजात पाने के लिए दिल्ली की सरकार नकली बादलों से असली बारिश कराएगी. इसकी तैयारी भी हो चुकी है.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने Artificial Rain के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को चिट्ठी लिखी है. जिसमें करीब 10 से 15 लाख रुपये का खर्च आएगा.
कृत्रिम बारिश के लिए वैज्ञानिक आसमान में एक तय ऊंचाई पर सिल्वर आयोडाइड, ड्राई आइस और साधारण नमक को बादलों में छोड़ते हैं. इसे ही Cloud Seeding कहते हैं.
जरूरी नहीं कि इसके लिए विमान से बादलों के बीच उड़ान भरी जाए. यह काम बैलून, रॉकेट या ड्रोन से भी कर सकते हैं. इन कामों के लिए बादलों का सही सेलेक्शन जरूरी है.
सर्दियों में बादलों में पर्याप्त पानी नहीं होता. इतनी नमी नहीं होती कि बादल बनें. मौसम ड्राई होगा तो पानी की बूंदे जमीन पर पहुंचने से पहले ही भांप बन जाएंगी.
इसमें दो बातों का ख्याल रखना होता है- पहली हवा की गति और दिशा. दूसरी आसमान में 40% बादल होने चाहिए. उन बादलों में थोड़ा पानी होना चाहिए. अब इन दोनों स्थितियों में थोड़ी कमी-बेसी चल जाती है.
लेकिन ज्यादा अंतर हुआ तो दिल्ली पर कृत्रिम बारिश कराने का ट्रायल बेकार हो जाएगा. गलत असर भी हो सकता है. ज्यादा बारिश हो गई तो भी दिक्कत होगी.