08 Aug 2024
Credit: PTI
हिमालय से लेकर केरल तक लैंडस्लाइड हो रहे हैं. यह एक ऐसा नेचुरल प्रोसेस है, जिसमें जमीन या पर्वत का बहुत बड़ा हिस्सा खिसकता है. इसकी वजह क्या है?
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अलग-अलग जगह होने वाले भूस्खलन का बिहेवियर भी अलग-अलग होता है. इसलिए इनका पहले से प्रेडिक्शन यानी भविष्यवाणी मुश्किल है.
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हर पहाड़ की ढलान दूसरे से अलग होती है. कौन सी कब गिरेगी इसका अर्ली वॉर्निंग सिस्टम बनाना बेहद मुश्किल है. लगभग असंभव है.
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कुछ अर्ली वार्निंग सिस्टम सेंसर बेस्ड होते हैं जो रोजाना लैंडस्लाइड की गति का अंदाजा लगाते हैं. इनकी सटीकता अच्छी होती है.
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लेकिन भारत में लैंडस्लाइड के लिए जो सिस्टम लगाए हैं. वह पूरी तरह से वर्षा आधारित हैं. भूस्खलन का सामान्य अंदाजा ही दे पाते हैं. ये नहीं बता पाते कि कब और कहां भूस्खलन होगा.
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लैंडस्लाइड होने की सिर्फ दो वजहें हो सकती हैं. पहला भूकंप और दूसरा बेहद तेज बारिश. कोई और कारण नहीं हो सकता क्योंकि भौगोलिक परिस्थितियां स्थिर हैं.
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इसे बिगाड़ रहा है इंसान. चाहे वह केरल हो या फिर हिमालय के पहाड़. जलवायु परिवर्तन और बढ़ते तापमान की वजह से होने वाली चरम मौसमी घटनाएं इसमें बड़ी भूमिका निभा रही हैं.
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