जलवायु संकट से भविष्य में अनाज की पैदावार पर असर पड़ेगा. सिर्फ मौसम संबंधी आपदाएं नहीं आएंगी. बल्कि उसका असर कृषि और फलों की खेती पर पड़ेगा.
जिस तेजी से एक्सट्रीम वेदर इवेंट्स यानी मौसम का तेजी से बदलना और उससे जुड़ी आपदाएं आ रही हैं, देश में लोग दाने-दाने को मोहताज हो सकते हैं.
सवाल ये है कि क्या केंद्र सरकार और राज्य सरकारें इस बात पर नजर रखती हैं? क्या फसलों के पैदावर पर जलवायु परिवर्तन के असर की स्टडी होती है?
भारत सरकार अपने अलग-अलग मंत्रालयों और विभागों के जरिए जलवायु परिवर्तन और उससे पड़ने वाले असर पर नजर रख रही है.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने कृषि क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन की वजह से होने वाले असर की स्टडी की. स्टडी में जो नतीजे सामने आए, वो डराने वाले हैं.
स्टडी में पता चला कि 2050 तक बारिश से होने वाली धान की फसल की पैदावार में 20 फीसदी की गिरावट आएगी. जो 2080 तक 47 फीसदी घट जाएगी.
वहीं जिस धान की फसल की सिंचाई की जाती है, वो 2050 तक 3.5 फीसदी गिर जाएगी. जबकि 2080 तक 5 फीसदी गिर जाएगी.
हालांकि यह गिरावट जरूरी नहीं कि इतनी ही हो. बदलते मौसम के अनुसार ये घट और बढ़ सकती है. पूरी रिपोर्ट जानने के लिए नीचे क्लिक करें.