3 July 2024
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10 दिन के अंदर NCR समेत दिल्ली ने एक्सट्रीम क्लाइमेट चेंज (Extreme Climate Change) देखा है. 50 डिग्री वाली गर्मी से रिकॉर्ड तोड़ बारिश तक.
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जलवायु परिवर्तन का असर इतना भयानक है कि मौसम बहुत तेजी से बदल रहा है.
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परेशानी ये है कि क्या अब ये फिर होगा. एकदम हो सकता है. दिल्ली और आसपास के इलाकों पर लगातार जलवायु संबंधी संकट जो मंडरा रहा है.
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जिस हिसाब से गर्मी बढ़ रही है. तापमान ऊपर जा रहा है, उसका असर अरब सागर पर पड़ रहा है. अरब सागर तेजी से गर्म हो रहा है.
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अरब सागर के तेजी से गर्म होने की वजह से मई, जून और जुलाई में पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) काफी एक्टिव हो रहा है.
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Western Disturbance की वजह से जून के अंत में दिल्ली में भयानक जलभराव हुआ. दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में काफी तेज बारिश हुई. कई इलाकों में बाढ़ जैसी नौबत आ गई.
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इस तेज बारिश के पीछे वजह थी मॉनसून और पश्चिमी विक्षोभ का मिलना. इस समय पश्चिमी विक्षोभ तेजी से और कई बार आ रहा है, जो मॉनसून को और खतरनाक मौसम में बदल रहा है.
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पश्चिमी विक्षोभ के साथ साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी बनता है. इनकी वजह से हिंदूकुश, काराकोरम और पश्चिमी हिमालय में बारिश होती है. खासतौर से सर्दियों के मौसम में.
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जब विक्षोभ और मॉनसून मिलते हैं तब केदारनाथ जैसी घटनाएं होने की आशंका रहती है.
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