24 August 2024
Credit: SymbolicPhoto/Getty
DPCC की रिपोर्ट में पर्यावरण नियमों के उल्लंघन का मामला सामने आया है. इस रिपोर्ट में आर्य नगर गांव में एक जोहड़ और पास के पार्क में कचरे की डंपिंग का खुलासा हुआ है.
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस मामले में DPCC, MCD, DDA और दिल्ली वेटलैंड प्राधिकरण को प्रतिवादी बनाया है.
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एनजीटी में जो आवेदन दिया गया है उसमें साफ कहा गया है कि तालाब को कूड़े व अन्य अपशिष्ट से भर दिया गया है, जिससे तालाब की पहचान खत्म हो रही है.
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रिपोर्ट में यह कहा गया था कि इसके आसपास रहने वाले स्थानीय निवासी तालाब और पार्क में अवैध रूप से कचरा डाल रहे हैं. इस पार्क का प्रबंधन एमसीडी के हाथों में है.
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इस क्षेत्र में उचित सीवर प्रणाली का अभाव है. तालाब के बगल में एक खुला नाला सीवेज को सीधे तालाब में छोड़ रहा है. पार्क के प्रवेश द्वार पर भी कचरा था.
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एनजीटी ने बवाना और नरेला में प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक की बनी चीजों का उत्पादन करने वाली इकाइयों को जवाब देने को कहा है.
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साथ ही दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम और दिल्ली नगर निगम को भी अपना जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.
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