26 July 2024
जलवायु परिवर्तन ने पृथ्वी का संतुलन भी बिगाड़ दिया है. धरती की अपनी धुरी पर घूमने की गति बदल गई है. जिसकी वजह से दिन लंबे तो रातें छोटी हो रही हैं.
एक नई रिसर्च में यह खुलासा हुआ है. पृथ्वी की इस दुर्दशा की वजह से जलवायु परिवर्तन को बताया जा रहा है.
धरती के अपने धुरी पर घूमने की गति में बदलाव की वजह से इंसानों ने एक निगेटिव लीप सेकेंड जोड़ा है. क्योंकि क्लाइमेट चेंज का असर पृथ्वी के केंद्र तक पहुंच गया है.
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हमारी धरती पर एक दिन में करीब 86,400 सेकेंड होते हैं. लेकिन सटीक गणना नहीं की जा सकती. क्योंकि पृथ्वी का हर रोटेशन कुछ मिलिसेकेंड्स की वजह से बदल जाता है.
पिछले कुछ दशक में धरती के ध्रुवीय इलाकों में बर्फ के पिघलने की दर बढ़ गई है. ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका में बर्फ के पिघलने के कारण समंदर का जलस्तर बढ़ता जा रहा है.
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जितना भी एक्स्ट्रा पानी आ रहा है, वो सब भूमध्यरेखा यानी इक्वेटर लाइन के आसपास जमा हो रहा है. पृथ्वी के समंदर बल्की होते जा रहे हैं.
12 जुलाई को नेचर जियोसाइंस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ती गर्मी की वजह से पिघलते ग्लेशियर से धरती की भूमध्यरेखा के पास ज्यादा पानी जमा हो रहा है. इससे धरती की गति धीमी हो रही है.