जापान की सरकार फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र के रेडियोएक्टिव कचरे को प्रशांत महासागर में फेंकना चाहती है.
काफी विरोध के बाद संयुक्त राष्ट्र की इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) ने ऐसा करने की मंजूरी दे दी है.
एजेंसी के मुताबिक, प्रशांत महासागर में कचरा फेंकने से इंसानों, जीवों या पर्यावरण को मामूली सा नुकसान हो सकता है.
IAEA के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा को जांच की अंतिम रिपोर्ट देते हुए मंजूरी दे दी.
यह काम एजेंसी के कर्मचारियों की निगरानी में होगा. अधिकारियों के सामने ही रेडियोएक्टिव कचरा समंदर में फेंका पाएगा.