Gaganyaan की पहली उड़ान 21 अक्टूबर 2023 की सुबह 7 से 9 बजे के बीच होगी. गगनयान का क्रू मॉड्यूल रॉकेट के ऊपर तैनात हो चुका है.
अब इसे लॉन्च पैड पर ले जाने की तैयारी चल रही है. इस मिशन का नाम है टेस्ट व्हीकल डिमॉन्सट्रेशन-1. इस टेस्ट का मकसद है- उड़ान के समय क्रू एस्केप सिस्टम (CES) का इन-फ्लाइट एबॉर्ट डिमॉन्सट्रेशन करना.
इस समय कैप्सूल की गति मैक 1.2 यानी 1431 km प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भर रहा होगा. इसी स्पीड में 11.7 किलोमीटर की ऊंचाई से कैप्सूल रॉकेट से 60 डिग्री पर अलग होगा. वहां से दूसरी दिशा में जाएगा.
क्रू मॉड्यूल की बंगाल की खाड़ी में लैंडिंग होगी. वहां से उसे नौसेना रिकवर करेगी. इस टेस्ट उड़ान की सफलता गगनयान मिशन के आगे की सारी प्लानिंग की रूपरेखा तय करेगा.
इसके बाद अगले साल एक और टेस्ट फ्लाइट होगी. जिसमें ह्यूमेनॉयड रोबोट व्योममित्र को भेजा जाएगा. 21 अक्टूबर की उड़ान के दौरान नेविगेशन, सिक्वेंसिंग, टेलिमेट्री, ऊर्जा आदि की जांच की जाएगी.
क्रू मॉड्यूल को अबॉर्ट मिशन पूरा करने के बाद बंगाल की खाड़ी से भारतीय नौसेना की टीम रिकवर करेगी. अबॉर्ट टेस्ट का मतलब होता है कि अगर कोई दिक्कत हो तो एस्ट्रोनॉट के साथ ये मॉड्यूल उन्हें सुरक्षित नीचे ले आए.
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