इंसानों का दिमाग लगातार सिकुड़ रहा है. आकार घट रहा है.
इसकी असली वजह है जलवायु परिवर्तन. यानी क्लाइमेट चेंज.
जैसे-जैसे क्लाइमेट चेंज की दर बढ़ेगी. इंसानों का दिमाग छोटा होता चला जाएगा.
एक नई स्टडी में यह डराने वाला फैक्ट सामने आया है.
कैलिफोर्निया स्थित नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम के साइंटिस्ट जेफ मॉर्गन स्टिबल ने स्टडी की है.
जानने की कोशिश की गई कि कैसे इंसान बदलते जलवायु के तनाव को बर्दाश्त करता है.