27 Jan, 2023 By: Aajtak.in

पहाड़ या दरिया, कहीं भी रास्ता बना सकती हैं सेना की ये गाड़ियां!

गुजरते समय के साथ देश की सीमाओं की सुरक्षा में तैनात इंडियन आर्मी के व्हीकल्स भी अत्याधुनिक होते गए. 

आज हम आपको कुछ ऐसे चुनिंदा आर्मी व्हीकल्स के बारे में बताएंगे, जिससे विरोधियों के भी पसीने छूट जाते हैं. 

Jonga द्वितीय विश्व युद्ध के समय की आर्मी व्हीकल है. सेना में सेवाएं देने के बाद यह रिटायर हो चुका है. ये एक मिड-साइज ऑफ रोड व्हीकल थी, जो कि साल 1969 से लेकर 1999 तक सेवा में रही. 

Nissan Jonga

मारुति सुजुकी की ऑल व्हील ड्राइव जिप्सी को पहली बार कंपनी ने आम नागरिकों के लिए ही साल 1985 में लॉन्च किया था. 15 साल तक इंडियन आर्मी में सर्विस के बाद इसे डिस्कंटीन्यू कर दिया गया है. 

Maruti Gypsy

महिंद्रा आर्मर्ड लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल (ALSV) एक लाइटवेट आर्मर्ड व्हीकल है. इसकी पेलोड कैपिसिटी 1000 किलोग्राम है और इसका कुल वजन 2,500 किलोग्राम है. 

Mahindra ALSV 

भारतीय सेना में हाल ही में कल्याणी एम4 को शामिल किया गया है, इसे लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के दौरान सेना ने वाहन के लिए ऑर्डर दिया था. 

Kalyani M4

ये महिंद्रा द्वारा तैयार किया गया माइन-प्रोटेक्टेड व्हीकल-I ऑफ-रोड व्हीकल है. 6 पहियों वाले इस वाहन में 230hp की क्षमता का डीजल इंजन इस्तेमाल किया गया है. 

Mahindra MPV-I 

Mahindra Marksman एक लाइटवेट आर्मड (बख्तरबंद) कैरियर व्हीकल है जिसमें 6 लोगों के बैठने की व्यवस्था है. ये गोला बारूद और ग्रेनेड से सुरक्षा प्रदान करता है. 

Mahindra Marksman

2017 से टाटा सफारी सेना और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा परिवहन के लिए इसका उपयोग किया जाता है. सफारी और बाकी गाड़ियों की खूबियां जानने के लिए नीचे क्लिक करें. 

Tata Safari GS800

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