10 Oct 2024
Credit: ISRO
15 फरवरी 2017 को ISRO ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से पहली बार 104 सैटेलाइट एकसाथ लॉन्च किए थे. लॉन्चिंग PSLV-C37 रॉकेट से की गई थी.
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PSLV-C37 रॉकेट ने सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष के तय ऑर्बिट में छोड़ दिया था. तब से रॉकेट का ऊपरी हिस्सा यानी PS4 अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहा है. इस हिस्से को लगातार USSPACECOM लगातार ट्रैक कर रही थी.
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रॉकेट का यह हिस्सा धरती के चारों तरफ 470X494 km आकार वाली लगभग अंडाकार कक्षा में चक्कर लगा रहा था. धरती की ग्रैविटी के चलते धीरे-धीरे नीचे आ रहा था. आप इस तस्वीर में इसका ग्राफ देख सकते हैं.
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6 अक्टूबर 2024 को यह हिस्सा आखिरकार करीब 8 साल बाद धरती पर लौटा. वायुमंडल को पार किया. उसके बाद सीधे उत्तरी अटलांटिक महासागर में गिर गया.
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ये है पीएसएलवी रॉकेट का वो हिस्सा PS-4, जो धरती पर वापस गिरा. इस रॉकेट ने लॉन्चिंग के आधे घंटे के अंदर सभी सैटेलाइट्स को उनकी कक्षा में तैनात कर दिया था.
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PSLV-C37 मिशन में कुल मिलाकर 104 सैटेलाइट्स लॉन्च किए गए थे. पहला था कार्टोसैट-2डी (Cartosat-2D). यह अघोषित रूप से भारतीय मिलिट्री के काम आता है.
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कार्टेसैट सीरीज के सैटेलाइट्स आमतौर पर कार्टोग्राफी यानी नक्शा बनाने के काम आते हैं. लेकिन इनसे निगरानी, जासूसी आदि भी की जा सकती है. सैटेलाइट्स की मदद सर्जिकल और एयरस्ट्राइक में भी ली जा सकती है.
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इसके अलावा 103 और सैटेलाइट्स गए थे. जिनमें INS-1A, INS-1B, AL-Farabi 1, BGUSAT, DIDO-2, Nayif-1, PEASS, 88 Flock-3p और 9 Lemur-2 सैटेलाइट्स शामिल हैं.
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