5 July 2024
Credit: PTI
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि जुलाई महीने में पश्चिमी हिमालय में भारी बारिश और बाढ़ की आशंका है.
इतना ही नहीं, यहां पर बादल फट सकते हैं. भूस्खलन और फ्लैश फ्लड जैसी जानलेवा घटनाएं हो सकती हैं.
यहां मौजूद सभी ग्लेशियल लेक्स 4000 मीटर यानी 13,123 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर हैं. ऐसी झीलों की वजह से उत्तराखंड में पिछले कुछ वर्षों में दो भयानक हादसे हुए हैं.
पहला जून 2013 में केदारनाथ में. ग्लेशियल लेक्स के टूटने से फ्लैश फ्लड आई. 6000 से ज्यादा लोग मारे गए. हजारों लापता हो गए.
इसके बाद दूसरा फरवरी 2021 में चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में ऐसी ही घटना हुई. जहां 72 लोग मारे गए.
केदारनाथ कस्बा मंदाकिनी नदी घाटी में बसा है, जो चोराबारी झील और कंपेनियन ग्लेशियर के बाहरी बहाव वाले हिस्से में है. यह झील केदाराथ मंदिर से दो किलोमीटर ऊपर मौजूद है.
इन झीलों में साल दर साल बदलाव आ रहा है. ज्यादा बारिश, तापमान में लगातार हो रहा बदलाव और हिमस्खलनकी वजह से झील के आसपास स्थितियां प्राकृतिक तौर पर ठीक नहीं हैं.
मौसम विभाग के प्रमुख मृत्युंजय मोहापात्रा ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर और पश्चिमी हिमालय के निचले इलाकों में सामान्य से ज्यादा बारिश का अनुमान है.
मौसम की यह मार कहीं साल 2013 को न दोहराए.