22 Oct 2024
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सबके मन में एक बार तो ये सवाल आता होगा कि पृथ्वी के अलावा किसी और ग्रह पर हम क्यों नहीं रह सकते. इस जवाब को ढूंढने के लिए वैज्ञानिकों ने एक परीक्षण किया. साथ ही उत्तर का अनुमान लगाया.
मंगल ग्रह के बर्फीले हिस्सों में एलियन जीवन हो सकता है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि मंगल ग्रह के आइसकैप यानी बर्फ की चादरों के नीचे जीवन होना चाहिए. साइंटिस्ट ये मानते हैं कि वहां पर फोटोसिंथेसिस जैसी प्रक्रिया हो रही होगी.
लेकिन एक नई स्टडी के मुताबिक मंगल ग्रह पर ध्रुवों के पास बर्फ की मोटी चादर बिछी है. जिसके नीचे जीवन हो सकता है. फोटोसिंथेसिस को क्या चाहिए, सटीक मात्रा में रोशनी. इससे यह नहीं पता चलता कि मंगल पर जीवन है.
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वैज्ञानिक ये मानते हैं कि सूरज के रेडिएशन से बचने के लिए बर्फ की चादरों के नीचे जीवन फोटोसिंथेसिस के जरिए या उसके जैसी किसी प्रक्रिया से पनप रहा होगा.
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मंगल पर जीवन होने की उम्मीद है. वैज्ञानिक नासा के मार्स ऑर्बिटर, परर्सिवरेंस रोवर, मार्स सैंपल रिटर्न और एक्सोमार्स जैसे स्पेसक्राफ्ट्स से आए डेटा का एनालिसिस कर रहे थे.
वैज्ञानिकों की ये हाइपोथिसिस इन स्पेसक्राफ्ट्स से मिले डेटा के आधार पर बनाई गई है. इसकी पुष्टि तो मंगल ग्रह पर जाकर बर्फ के नीचे जांच करने से ही होगी.
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डेटा एनालिसिस से पता चलता है कि मंगल ग्रह पर 2 से 15 इंच तक बर्फ की चादर है. जिसमें 0.1 फीसदी धूल भी मिली है. यानी मार्शियन डस्ट. प्रदूषण मिक्स होने की वजह से बर्फ चादर की मोटाई कहीं-कहीं 7 से 10 फीट भी हो सकती है.