26 Sep 2024
न्यूजीलैंड के वैज्ञानिकों ने शार्क की नई प्रजाति खोजी है. ये शार्क मछली ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के समंदर यानी प्रशांत महासागर में जिंदा दिखी.
इस शार्क को घोस्ट शार्क (Ghost Shark) की प्रजाति में रखा गया है. घोस्ट शार्क मछलियां प्रशांत महासागर की तलहटी में करीब डेढ़ किलोमीटर नीचे समंदर में गोता लगाती हैं.
वेलिंग्टन के NIWA के वैज्ञानिकों ने बताया कि घोस्ट शार्क बेहद अंधेरे वाली गहराई में शिकार करती हैं. इस मछली को तब खोजा गया जब वैज्ञानिक न्यूजीलैंड के साउथ आइलैंड से करीब 1000 किलोमीटर दूर Chatham Rise इलाके में रिसर्च कर रहे थे.
इसका नाम Australasian Narrow-nosed Spookfish रखा गया है. इसे घोस्ट शार्क इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ये शार्क और रे के बीच की प्रजाति है. इन्हें चिमेरास (Chimaeras) भी कहते हैं. इन मछलियां की हड्डियां पूरी तरह से कार्टिलेज से बनी होती हैं.
स्पूकफिश जैसी घोस्ट शार्क की आंखें डरावनी होती हैं. त्वचा पर हल्के भूरे रंग की चिकनी स्केल्स होती हैं. ये पानी के नीचे करीब 2600 मीटर यानी 2.60 किलोमीटर और 8530 फीट की गहराई में क्रस्टेशियन जीवों को खाती हैं. इनका मुंह बीक यानी नुकीली चोंच की तरह होता है.
साइंटिस्ट ब्रिट फिनुशी ने बताया कि घोष्ट शार्क समुद्री तलहटी पर या उसके नजदीक ही रहती हैं. ये बहुत ऊपर नहीं आती. फिलहाल इस प्रजाति का नाम ब्रिट ने अपनी दादी की याद में Hariotta Avia दिया है. उन्होंने ही इस नई शार्क मछली की खोज की है.