Titan Submersible
पांच अरबपति समुद्र में 12,500 फीट नीचे मारे गए. उनके टाइटन सबमर्सिबल का मलबा टाइटैनिक के मलबे से 1600 फीट दूर मिला. ऐसा एडवेंचर पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी है.
सीएसआईआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशियानोग्राफी की पूर्व साइंटिस्ट सिला त्रिपाठी ने डाउन टू अर्थ को बताया कि हमें नहीं पता कि असल में टाइटन सबमर्सिबल के साथ क्या हुआ.
दो दशक पहले रॉबर्ट बलार्ड ने टाइटैनिक का मलबा खोजा था. इसके बाद टाइटैनिक को देखने वालों की भीड़ लग गई. मलबे का पर्यटन तेजी से बढ़ने लगा.
सिला त्रिपाठी कहती हैं कि भारत में अंडमान-निकोबार, गोवा, विशाखापट्टनम और लक्षद्वीप पर मलबे के पर्यटन का स्कोप है. लोग समुद्र में प्राचीन जहाजों और जीव-जंतुओं को देखने जाते हैं.
2-3 महीने तक ही मलबे का पर्यटन भारत में रहता है. इसमें बहुत कम लोग शामिल होते हैं क्योंकि इसका खर्च बहुत ज्यादा होता है. जान का खतरा भी रहता है.
गोवा में सूंची रीफ, सेंट जॉर्ज रीफ, अमी शोल्स, सेलरॉक, ग्रांडे आइलैंड. लक्षद्वीप में मिनिकॉय द्वीप और सुहेली पार. तमिलनाडु में पूम्फूर और ओडिशा में कोणार्क. यहां पर जहाजों के मलबे दिखते हैं.