सड़क पर ड्राइविंग के दौरान मामूली बात पर कहासुनी के बाद हिंसक घटनाएं बेहद आम हो चली हैं.
इन घटनाओं को रोडरेज भी कहा जाता है. इसमें छोटी से बात से नाराज लोग एक-दूसरे पर हमला तक कर बैठते हैं.
गाड़ियों के टच होने, हाई स्पीडिंग, ओवरटेकिंग, जैसे किसी भी मामले में यह विवाद बढ़कर हिंसा का रूप ले लेता है.
आंकड़ों के जरिए यह दावा है कि गर्मी के मौसम में इस तरह की रोडरेज की घटनाओं में काफी इजाफा हो जाता है.
2019 में यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया ने एक स्टडी में बताया कि मौसम का भी रोड रेज पर असर दिखता है.
पर्थ शहर, जहां तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है, वहां सड़क पर गुस्से में मारपीट जैसी घटनाएं भी हुईं.
सोचने की बात है कि जब 35 डिग्री सेल्सियस पर ड्राइवर आपा खो सकते हैं तो हमारे यहां तो पारा 45 पार चला जाता है.
क्या तापमान और रोडरेज की घटनाओं में वाकई कोई लिंक है? पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए नीचे क्लिक कीजिए.