ग्लोबल वार्मिंग घटाने के लिए सूरज को ढकने की तकनीक पर विवाद हो गया है. कुछ वैज्ञानिकों ने इसे जानलेवा तक करार दे दिया है.
सोलर रेडिएशन मॉडिफिकेशन (SRM) नाम की इस तकनीक को लेकर साइंटिस्ट दो धड़ों में बंट चुके हैं.
वैज्ञानिक दावा कर रहे हैं कि अगर सोलर मॉडिफिकेशन शुरू कर दिया जाए तो दुनिया कयामत से पहले ही खत्म हो जाएगी.
वैज्ञानिक ये भी कह रहे हैं कि फिलहाल उन्हें इसके खतरों का पूरा अंदाजा तक नहीं. मुमकिन है कि खतरा इतनी तेजी से आए कि रोकने का मौका तक न मिले.
फिलहाल कुल 15 देशों में ये रिसर्च हो रही है. अगर इतने आसान ढंग से गर्मी कम हो सकती है, तो वैज्ञानिक इसपर एतराज क्यों जता रहे हैं! इसके कई कारण हैं.
एक तो ये कि सूरज की गर्मी कम होने से प्रदूषण कम नहीं होगा. कारखाने और गाड़ियां अगर उतना ही धुआं उगलते रहे तो प्रदूषण बना रहेगा.
बल्कि ये भी हो सकता है कि इसके खतरे और बढ़ जाएं. जैसे बंद कमरे से धुआं जल्दी नहीं निकलता है, कुछ वैसा ही असर धरती पर भी होगा.
जमीन और आसमान के बीच भाप की मोटी लेयर होगी, जो बंद कमरे की तरह काम करेगी. इससे मामला और बिगड़ सकता है.
सूरज को कवर करने के लिए वैज्ञानिक कौन से तरीके अपना रहे है? इसे लेकर विरोध की बड़ी वजह क्या है? डिटेल्ड खबर नीचे पढ़िए.