छोटे डिवाइस को हजारों साल तक चार्ज करेंगी न्यूक्लियर डायमंड बैटरी! जानें कैसे

19 Dec 2024

इंग्लैंड की ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने दुनिया की पहली न्यूक्लियर-डायमंड बैटरी बनाई है. रेडियोएक्टिव पदार्थ और हीरा मिलकर बिजली पैदा करते हैं.

इस बैटरी को चलाने के लिए किसी भी तरह के मोशन की जरूरत नहीं है. यानी किसी कॉयल के अंदर मैग्नेट को घुमाने की जरूरत नहीं है.

यह किसी भी पारंपरिक बैटरी या बिजली पैदा करने वाले यंत्र से कई गुना बेहतर है. इस बैटरी के अंदर रेडिएशन की वजह से इलेट्रॉन्स तेजी से घूमते हैं. जिसकी वजह से बिजली पैदा होती है.

ये ठीक वैसा ही है जैसे सोलर पावर के लिए फोटोवोल्टिक सेल्स का इस्तेमाल होता है. जिसमें फोटोन्स को बिजली में बदला जाता है. 

न्यूक्लियर-डायमंड बैटरी का एक ग्राम हर दिन 15 जूल्स की बिजली दे सकता है. कार्बन-14 की हाफ लाइफ 5730 साल है. यानी किसी भी छोटे डिवाइस को इतने सालों तक चार्ज कर सकती है.