25 April, 2023 By: Aajtak.in

जीरो शैडो डे: जब साया भी छोड़ जाता है साथ! 

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एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी ऑफ इंडिया (ASI) की गणना के अनुसार, दोपहर के इन कुछ मिनटों में सूरज किसी भी चीज का शैडो नहीं बनाएगा. 

Pic Credit: urf7i/instagram

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ये घटना एक नहीं, बल्कि उष्णकटिबंधीय इलाकों में सालाना दो बार घटती है. इस दौरान सूर्य सिर के ठीक ऊपर अपने उच्चतम बिंदु पर होगा. 

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इससे होता ये है कि सूरज की किरणें छाया तो बनाती हैं, लेकिन वो किसी इंसान या ऑब्जेक्ट के ठीक नीचे होता है.

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इससे ऐसा लगता है कि छाया बनी ही नहीं होगी, जबकि वो अंडर द ऑब्जेक्ट रहती है. इस घटना को ही जीरो शैडो डे कहते हैं. 

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वैसे असल में ये घटना केवल एकाध सेकंड या इससे भी कम होती है लेकिन इसका असर डेढ़ मिनट तक रह सकता है. 

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ये हमेशा कर्क और मकर रेखा के बीच आने वाले इलाकों में दिखता है. बेंगलुरु ऐसा ही एक क्षेत्र है. 

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सोमवार को ओडिशा के भुवनेश्वर में भी जीरो शैडो डे देखा जा चुका है. इसकी वजह क्या है, देखने के लिए नीचे क्लिक करें. 

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