कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता. यह कर दिखाया है वेस्टइंडीज के बल्लेबाज निकोलस पूरन ने.
2015 में निकोलस पूरन एक कार एक्सीडेंट में चोटिल हो गए थे. उनके दोनों पैरों में गंभीर चोटें आईं थीं.
नेशनल क्रिकेट सेंटर से ट्रेनिंग करने के बाद पूरन अपने घर जा रहे थे जब उनका एक्सीडेंट हो गया था.
कैरेबियाई क्रिकेटर के बाएं पैर का घुटना टूट गया था और दाएं पैर के टखने में फ्रैक्चर था.
उस वक्त डॉक्टर्स ने पूरन को क्रिकेट छोड़ने की सलाह दी थी.
पूरन ने 18 महीने बाद क्रिकेट के मैदान पर वापसी की थी.
आज पूरन दुनिया के सबसे ज्यादा विस्फोटक बल्लेबाजों में एक माने जाते हैं.
इसके अलावा इतनी चोटों और सर्जरी के बावजूद भी फील्डिंग करते वक्त पूरन की फिटनेस देखने लायक होती है.