22 Mar 2024
Credit: Getty/PTI/BCCI/IPL
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 17वें सीजन की शुरुआत 22 मार्च से हो रही है. पहला मैच चेन्नई सुपर किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच है.
आईपीएल खेलने वाले खिलाड़ियों पर पैसों की बरसात होती है. आईपीएल में खिलाड़ियों की फीस नीलामी और कॉन्ट्रैक्ट के जरिए तय हो जाती है और फैन्स को भी इसकी जानकारी मिल जाती है.
इसके अलावा आईपीएल में नेट बॉलर्स को भी कुछ रकम मिलती है. मगर नेट बॉलर्स को कितनी फीस मिलती है, ये अब तक शायद ही किसी को पता होगा. नेट बॉलर्स को भी रखने के कुछ नियम हैं.
यदि फ्रेंचाइजी को किसी खास नेट बॉलर की जरूरत पड़ती है और टीम मैनेजमेंट द्वारा उसे बुलाया जाता है, तब उस नेट बॉलर को हर दिन करीब 7 हजार रुपये के हिसाब से भुगतान किया जाता है.
कोरोना से पहले तक नेट बॉलर्स को फ्री में ही रखा जाता था. चाहे वह टीम इंडिया की बात हो या फिर आईपीएल टीमों की.
मगर कोरोना के दौरान प्रोटोकॉल्स के चलते नेट बॉलर्स को पूरे सीजन बायो-बबल में रखना पड़ता था. उन्हें साथ लाना-ले जाना करना पड़ता था.
यही वजह रही कि कोरोना के समय नेट बॉलर्स को भी एक सीजन के करीब 5 लाख रुपये दिए जाते थे. साथ ही रहने और खाने का खर्चा भी वहन किया जाता था.
मगर कोरोना के बाद एक बार फिर नेट बॉलर्स को फ्री में रखने की भी परंपरा शुरू हो गई. टीम जिस भी शहर में मैच खेलने जाती है, वहीं पर लोकल नेट बॉलर्स का इंतजाम कर लिया जाता है.
यदि कोई स्पोर्ट्स एकेडमी अपनी तरफ से नेट बॉलर्स का इंतजाम करता है या कोई प्लेयर खुद ही नेट बॉलर बनता है, तो उसे भुगतान नहीं किया जाता है. यह इसलिए किया जाता है, ताकि वह प्लेयर अपनी प्रतिभा दिखा सके.
इसका उदाहरण उमरान मलिक हैं. उमरान ने बतौर नेट बॉलर ही सनराइजर्स हैदराबाद टीम में जगह बनाई और फिर टीम इंडिया के लिए डेब्यू भी किया.