सेना के जवान ने 22 साल पहले ब्लास्ट में गंवाया पैर, पैरालंप‍िक में किया धमाल  

7 SEP 2024

Credit: Paralympics, Getty, Social Media 

होकाटो होतोजे सेमा (Hokato Hotozhe Sema) ने भारत को पेरिस पैरालंप‍िक में शॉट पुट की F57 कैटगरी में ब्रॉन्ज मेडल ज‍िताया. 

41 साल के सेमा का जन्म नागालैंड के दीमापुर में हुआ था. वह 9 असम रेजिमेंट में भारतीय सेना में हवलदार के पद पर कार्यरत हैं. 

साल 2002 में जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर एक ऑपरेशन के दौरान लैंडमाइन विस्फोट के कारण उन्होंने अपना पैर खो दिया था. 

32 साल की उम्र में उन्होंने शॉटपुट खेलना शुरू किया और अब पैरालंप‍िक में भारत का नाम रोशन किया. 

सेमा ने पुणे में आर्मी पैरालंपिक नोड, बीईजी सेंटर में अपनी परिवर्तनकारी यात्रा की शुरुआत की, जहां उन्होंने इस खेल से नई शुरुआत की. 

पुणे में आर्टिफिशियल लिम्ब सेंटर में रहने के दौरान ही वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने सेमा की क्षमता को पहचाना और उन्हें शॉट-पुट में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. 

 2016 में 32 साल की उम्र में अपेक्षाकृत देर से शुरू करने के बावजूद, उन्होंने पूरे दिल से इस खेल को अपनाया और तब से अपने एथलेटिक करियर में महत्वपूर्ण प्रगति की है. 

2016 में सेमा नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए जयपुर गए. 2022 के मोरक्को ग्रैंड प्रिक्स में उन्होंने रजत पदक और हांगझोऊ में एश‍ियन पैरा गेम्स में कांस्य पदक जीता.  

एफ57 श्रेणी उन एथलीटों के लिए है जो बैठकर प्रतिस्पर्धा करते हैं और जिनमें अंगों की कमी या अन्य विकलांगता होती है, जो अन्य वर्गों में फिट नहीं होती.