सचिन तेंदुलकर, ब्रायन लारा जैसे क्रिकेटर्स ने अपने खेल से फैन्स के दिलों को जीता है. ये दिग्गज युवा खिलाड़ियों के लिए रोल मॉडल रहे हैं. लेकिन एक ऐसा क्रिकेटर भी हुआ जिसके कारनामे से पूरी दुनिया चौंक गई और उसकी जिंदगी का काफी दुखद अंत हुआ था.
PIC: Getty Imagesइस बदनसीब क्रिकेटर का नाम लेस्ली हिल्टन था. 1935-39 के बीच वेस्टइंडीज के लिए छह टेस्ट खेलकर 16 विकेट लेने वाले लेस्ली हिल्टन को 17 मई, 1955 को फांसी दे दी गई थी. लेस्ली दुनिया के एकमात्र टेस्ट क्रिकेटर हैं, जिन्हें फांसी पर लटकाया गया.
जमैका के रहने वाले लेस्ली हिल्टन का अफेयर लुर्लिन रोज के साथ था, जो पुलिस इंस्पेक्टर की बेटी थी. परिवारवालों के विरोध के बावजूद लेस्ली हिस्ली ने लुर्लिन के साथ साल 1942 में शादी कर ली. पांच साल बाद 1947 में लेस्ली पिता भी बने. इसके बाद कहानी यहां से नया मोड़ लेती है.
PIC: Getty Imagesलुर्लिन फैशन डिजाइनर बनना चाहती थी जिसके लिए वह न्यूयॉर्क की यात्रा करने लगीं. इसी दौरान साल 1954 में लेस्ली हिल्टन को एक चिट्ठी मिलती है, जिसमें उनकी वाइफ और रॉय फ्रांसिस नाम के शख्स के बीच अवैध संबंधों का जिक्र था.
जमैका लौटने पर लुर्लिन ने अफेयर की बातों को सिरे से खारिज कर दिया, लेकिन लेस्ली हिल्टन का शक गहराता जा रहा था. बाद में हिल्टन को ऐसे खतों के बारे में पता चला जो उनकी बीवी ने फ्रांसिस को भेजी थीं. लुर्लिन ने भी फ्रांसिस के साथ अफेयर को स्वीकार कर लिया.
फिर क्या था, लेस्ली ने गुस्से में आकर लुर्लिन पर रिवाल्वर से सात गोलियां दाग दी और खुद ही पुलिस को फोन किया. अब लेस्ली हिल्टन पर हत्या के जुर्म में मुकदमा चलना शुरु हुआ. इस दौरान हिल्टन का बचाव जमैका के पूर्व कप्तान विवियन ब्लेक और वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के सदस्य नोएल नेथरसोल ने किया.
PIC: Getty Images20 अक्टूबर 1954 को हुई सुनवाई के दौरान लेस्ली हिल्टन ने अपनी गवाही में दावा किया कि उन्होंने खुद को गोली मारने की कोशिश की थी, लेकिन इस दौरान गलती से अपनी पत्नी को गोली मार दी. हालांकि, लुर्लिन के शरीर में सात गोलियां दर्ज थी जिसके चलते जजों ने लेस्ली को दोषी माना और फांसी की सजा सुनाई.
9 मार्च, 1905 को एक गरीब परिवार में जन्मे लेस्ली हिल्टन को कभी नहीं पता चल पाया कि उनके पिता कौन थे और जब वह तीन साल के थे तभी उनकी मां की मृत्यु हो गई. ऐसे में उनका पालन-पोषण उनकी बहन ने किया. फिर लेस्ली 13 साल के हुए, तभी बहन भी चल बसी.
लाख मुश्किलों के बावजूद लेस्ली हिल्टन ने कड़ी मेहनत के बल पर वेस्टइंडीज टीम में जगह बनाई. दाएं हाथ के तेज गेंदबाज लेस्ली ने 40 प्रथम श्रेणी मैचों में 120 विकेट लिए. 1935 में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में हिल्टन ने 13 विकेट लेकर अपनी टीम को 2-1 से सीरीज जिताने में मदद की.