पॉल वल्थाटी ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट से रिटायरमेंट ले ले लिया है. वल्थाटी ने मुंबई क्रिकेट एसोसिएसशन को एक ईमेल भेजकर इस बात की जानकारी दी.
39 साल के वल्थाटी ने आईपीएल 2011 में काफी सुर्खियां बटोरी थीं. उस सीजन में वल्थाटी ने किंग्स इलेवन पंजाब के लिए 14 मैचों में 35.61 के एवरेज से 463 रन बनाए थे.
इस दौरान वल्थाटी ने चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ उन्होंने नाबाद 120 रन बनाकर टीम को मैच जिताया था. आईपीएल 2011 में शानदार प्रदर्शन के चलते उन्हें टीम इंडिया का अगला स्टार कहा जाने लगा था.
वल्थाटी ने रिटायरमेंट ईमेल में लिखा, 'अपने करियर में इंडिया ब्लू, इंडिया अंडर-19 और मुंबई की सीनियर टीम का प्रतिनिधित्व करने को लेकर मैं बेहद भाग्यशाली और गौरवान्वित महसूस करता हूं.'
वल्थाटी ने आगे लिखा, 'मैं इस अवसर पर बीसीसीआई और एमसीए को धन्यवाद देना चाहूंगा जिन्होंने हमेशा मेरे जैसे कई क्रिकेटरों का समर्थन किया है.'
वल्थाटी कहते हैं , 'मैं आईपीएल, अपनी दोनों टीमों राजस्थान रॉयल्स और पंजाब किंग्स को भी धन्यवाद देना चाहता हूं, जिनका प्रतिनिधित्व करने का मुझे सौभाग्य मिला. मैं आईपीएल में शतक बनाने वाला मुंबई का पहला और कुल चौथा भारतीय खिलाड़ी था.'
आईपीएल 2011 सीजन के बाद वल्थाटी की किस्मत ने यू-टर्न ले लिया था. पहले तो वल्थाटी को कलाई की इंजरी हो गई और उसके बाद उनकी फॉर्म में जबरदस्त गिरावट आई. 2012 के आईपीएल में वह अपना घुटना भी चोटिल करवा बैठे.
वल्थाटी ने अपना आखिरी आईपीएल मैच 2013 के सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ खेला. वल्थाटी ने कुल 23 आईपीएल मैचों में 22.95 के एवरेज से 505 रन बनाए और सात विकेट लिए.
आईपीएल 2013 सीजन के बाद वल्थाटी को कोई खरीदार नहीं मिला. वल्थाटी ने चार फर्स्ट क्लास, 5 लिस्ट-ए और 34 टी20 मैच खेलकर कुल 972 रन बनाए.