5 DEC 2024
अफगानिस्तान क्रिकेट के सबसे बड़े नाम राशिद खान और मोहम्मद नबी ने तालिबान को बुरी तरह लताड़ा है.
Credit: AFP, AP
तालिबान ने उन ट्रेनिंग कैम्प को बंद करने का ऐलान किया है जहां नर्स और दाइयों को प्रशिक्षण मिलता है.
दोनों ही दिग्गज क्रिकेटर्स ने महिलाओं की ट्रेनिंग से संबंधित संस्थानों को बंद करने की कथित रूप से कड़ी आलोचना की है.
अगस्त 2021 में तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों के लिए ये बंदिशें एक नया झटका है.
तालिबान ने लड़कियों और महिलाओं के लिए माध्यमिक और उच्च शिक्षा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, अब तक मेडिकल फील्ड में छूट थी.
वहीं लड़कियों और महिलाओं को खेल में भाग लेने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिसके बाद पिछले साल ICC के पूर्ण सदस्य के रूप में अफगानिस्तान की टीम रडार में आ गई थी.
राशिद ने इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा- इस्लाम में शिक्षा का केंद्रीय स्थान है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए ज्ञान की खोज पर जोर देती है.
उन्होंने आगे लिखा- कुरान सीखने के महत्व पर प्रकाश डालता है और महिला पुरुषों में समान आध्यात्मिक मूल्य को स्वीकार करता है.
राशिद ने अपने पोस्ट में एजुकेशनल और मेडिकल इंस्टीट्यूट के बंद होने पर विचार व्यक्त किए. वहीं देश में नर्सों की भारी कमी को चिंताजनक बताया.
वहीं मोहम्मद नबी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा- लड़कियों के मेडिकल की पढ़ाई पर प्रतिबंध लगाने का तालिबान का फैसला न केवल दिल तोड़ने वाला है, बल्कि बेहद अन्यायपूर्ण भी है.
नबी ने लिखा- इस्लाम ने हमेशा सभी के लिए शिक्षा के महत्व पर जोर दिया है, और इतिहास मुस्लिम महिलाओं के प्रेरक उदाहरणों से भरा पड़ा है, जिन्होंने ज्ञान के माध्यम से कई पीढ़ियों के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
नबी ने अपने पोस्ट में आगे लिखा- मैं तालिबान से इन मूल्यों पर विचार करने का आग्रह करता हूं. लड़कियों को सीखने और अपने लोगों की सेवा करने का मौका न देना उनके सपनों और हमारे देश के भविष्य दोनों के साथ विश्वासघात है.
वहीं रहमानुल्लाह गुरबाज ने भी फेसबुक पर एक पोस्ट डालकर महिला शिक्षा के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया.
ध्यान रहे इस बार आईपीएल में मोहम्मद नबी इस बार अनसोल्ड रहे. वहीं राशिद खान गुजरात टाइटन्स तो गुरबाज केकेआर में शामिल हैं.