23 Aug 2024
Credit: Getty/BCCI
मुथैया मुरलीधरन, हरभजन सिंह, सईद अजमल और ग्रीम स्वान ये दुनिया के नामी-गिरामी ऑफ स्पिनर्स थे.
ये सभी जब खेलते थे तो चाहे ईडन गार्डन्स हो या पर्थ, हर जगह इनकी स्पिन गेंदबाजी की तूती बोलती थी.
मौजूदा समय के एक्टिव ऑफ स्पिनर्स की बात की जाए तो नाथन लायन के टेस्ट क्रिकेट में 530 विकेट हैं.
वहीं उनसे पीछे रविचंद्रन अश्विन के 516 विकेट हैं. आगामी भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज में दोनों दिखेंगे.
ये दोनों ही ऑफ स्पिनर हैं, ऐसे में इनके जाने के बाद इस विधा में उनकी जगह कौन लेगा यह कहना मुश्किल है.
शोएब बशीर इस विधा में शामिल हुए सबसे नए स्पिनर हैं. 2011 में अश्विन और लायन ने अपना टेस्ट डेब्यू किया था.
तब से केवल आठ अन्य ऑफ स्पिनर ही अपना डेब्यू कर पाए हैं और 50 विकेट के आंकड़े तक पहुंच पाए हैं.
खासकर तब जब आप मोईन अली, दिलरुवान परेरा, रमेश मेंडिस, रोस्टन चेस, शेन शिलिंगफोर्ड और न्यूजीलैंड के मार्क क्रेग को निकाल दें, जिन्होंने हाल ही में कोई टेस्ट नहीं खेला है, या फिर जो रूट हैं जो वास्तव में विशेषज्ञ नहीं हैं.
इस लिस्ट में बांग्लादेश के मेहदी हसन मिराज, जो अभी भी 26 वर्ष के हैं, उनके खाते में 43 टेस्ट में 164 विकेट हैं.
वह अश्विन और लायन के करीब आने का सपना देख सकते हैं, हालांकि यह बांग्लादेशी क्रिकेट है, जिसमें बाएं हाथ के स्पिनरों की लंबी विरासत है.
2011 से उन 12 बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाजों में भारत के रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल और कुलदीप यादव भी शामिल हैं, जिन्होंने अपना डेब्यू किया है और कम से कम 50 टेस्ट विकेट हासिल किए हैं.
उनमें से नौ अभी भी सक्रिय हैं. अगर आप शाकिब अल हसन को जोड़ते हैं जिन्होंने 2007 में अपना डेब्यू किया था तो यह संख्या 10 हो जाती है.