5 FEB 2024
Credit: Getty/AFP/AP/ESPN
अंडर-19 वर्ल्ड कप 2024 में भारत का प्रदर्शन शानदार रहा है और वह सेमीफाइनल में पहुंच चुका है. भारतीय टीम पहली बार साल 2000 में अंडर-19 वर्ल्ड कप चैम्पियन बनी थी. तब मोहम्मद कैफ की अगुवाई में भारत ने फाइनल मैच में मेजबान श्रीलंका को 6 विकेट से हराया था.
अंडर-19 वर्ल्ड कप 2000 में भाग लेने वाले सभी भारतीय खिलाड़ी संन्यास ले चुके हैं. कुछ खिलाड़ी कमेंट्री में धूम मचा रहे हैं, तो कोई मैच रेफरी बन चुका है. आइए जानते हैं उन चैम्पियन प्लेयर्स के बारे में...
मनीष शर्मा: ओपनर मनीष शर्मा ने उस टूर्नामेंट में भारत के लिए 8 मैचों में 257 रन बनाए थे. उन्होंने घरेलू स्तर पर पंजाब का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन कभी भी भारत की सीनियर टीम में शामिल नहीं हो पाए. इंडियन क्रिकेट लीग (ICL) में भागीदारी के बाद मनीष का करियर समाप्त हो गया.
रवनीत रिकी: सलामी बल्लेबाज रवनीत रिकी ने आठ मैचों में 340 रन बनाए थे और वह सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज रहे. हालांकि मनीष शर्मा की तरह रिकी भी सीनियर टीम में जगह नहीं बना सके. रवनीत वर्तमान में एयर इंडिया के लिए काम करते हैं और वह क्रिकेट कोच भी हैं.
मोहम्मद कैफ: उस टूर्नामेंट में मोहम्मद कैफ ने कप्तानी के साथ-साथ गेंद और बल्ले से भी जलवा दिखाया. कैफ ने 8 मैचों में 170 रन बनाए और आठ विकेट चटकाए. कैफ ने आगे चलकर भारत के लिए 13 टेस्ट और 125 ओडीआई मैच खेले. कैफ कमेंट्री की दुनिया का जाना पहचाना नाम बन चुके हैं.
युवराज सिंह: उस टूर्नामेंट में युवराज सिंह ने 12 विकेट लेने के साथ ही 203 रन बनाए और वह 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' रहे थे. युवी ने आगे चलकर भारत के लिए इंटरनेशनल लेवल पर धूम मचा दिय. युवी ने 2019 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था. युवराज क्रिकेट से जुड़े मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करने से परहेज नहीं करते.
रीतिंदर सोढ़ी: उस मेगा इवेंट में रीतिंदर सोढ़ी ने 134 रन बनाए थे और पांच विकेट भी लिए. फाइनल में सोढ़ी ने 'प्लेयर ऑफ द मैच' अवॉर्ड भी जीता था. सोढ़ी ने आगे चलकर भारत के लिए 18 एकदिवसीय मैच खेले. रीतिंदर सोढ़ी फर्स्ट क्लास क्रिकेट में मैच रेफरी का रोल निभाते हैं.
नीरज पटेल: नीरज पटेल ने उस वर्ल्ड कप के दौरान कुल चार पारियों में 66.50 के एवरेज से 133 रन बनाए. नीरज साल 2008 में आईपीएल खिताब जीतने वाली राजस्थान रॉयल्स का भी हिस्सा रहे. नीरज ने 2015 में गुजरात के लिए अपना आखिरी मैच खेला.
अजय रात्रा: अजय रात्रा उस टूर्नामेंट में भारतीय टीम के विकेटकीपर थे. रात्रा ने भारत के लिए छह टेस्ट और 12 वनडे इंटरनेशनल मैच खेले. रात्रा ने 2013 तक घरेलू क्रिकेट खेलना जारी रखा. रात्रा बतौर कोच राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में कार्यरत हैं.
वेणुगोपाल राव: भारत के लिए 16 ओडीआई मैच खेल चुके वेणुगोपाल राव भी उस टीम का पार्ट थे. वेणुगोपाल 2017 में अपना आखिरी फर्स्ट क्लास मैच खेला. रिटायरमेंट के बाद वह कमेंट्री में एक्टिव हैं. वह लीजेंड्स लीग क्रिकेट में भी खेलते दिखे थे.
अनूप दवे: बाएं हाथ के स्पिनर अनूप ने उस टूर्नामेंट में भारत के लिए 13 विकेट हासिल किए थे. अनूप ने 16 फर्स्ट क्लास और 28 लिस्ट ए मैच खेले. साल 2018 में उनकी बायोपिक 'Could be a hero' रिलीज हुई थी. अनूप राजस्थान क्रिकेट में सेलेक्टर का जॉब निभा रहे हैं.
मृत्युंजय त्रिपाठी: दाएं हाथ के तेज गेंदबाज मृत्युंजय को उस टूर्नामेंट के बाद जल्द ही प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने का मौका मिल गया था. हालांकि वह भी भारत के लिए कभी सीनियर लेवल पर नहीं खेल पाए. मृत्युंजय यूपी की रणजी टीम को कोचिंग दे चुके हैं.
शलभ श्रीवास्तव: बाएं हाथ के तेज गेंदबाज शलभ श्रीवास्तव ने उस टूर्नामेंट में भारत के लिए सर्वाधिक 14 विकेट हासिल किए थे. शलभ आईपीएल में पंजाब किंग्स के लिए खेले. मैच फिक्सिंग में नाम आने के बाद बीसीसीआई ने उन पर 5 साल का बैन लगा दिया था.
विद्युत शिवरामकृष्णन, अर्जुन यादव और मिहिर दिवाकर भी अंडर-19 वर्ल्ड कप 2000 में भारतीय टीम का हिस्सा थे, लेकिन उन्होंने कोई मैच नहीं खेला.