WWE की भारत में काफी फैन फॉलोइंग है और करोड़ों की संख्या में लोग इसको भारत में देखते हैं.
WWE को लेकर अक्सर सवाल उठता है कि क्या यह नकली लड़ाई है, क्या ये असली लड़ाई है. असली-नकली के खेल के बीच इसकी फैन फॉलोइंग में कोई कमी नहीं आई.
WWE आखिर कैसे काम करता है, इसकी लड़ाई कितनी असली और नकली होती है, इसके बारे में कुछ चीज़ें आपको जाननी चाहिए...
WWE का पूरा नाम World Wrestling Entertainment है. नाम से ही पता लगता है कि इसका मकसद सिर्फ और सिर्फ एंटरटेनमेंट ही है.
WWE में जितने भी रेसलर्स होते हैं या फाइट होती है यह सब स्क्रिप्टिड होता है और यह किसी टीवी शो की तरह काम करता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जो रेसलर WWE में फाइट करते दिखते हैं वह सभी ओरिजनल रेसलर्स नहीं होते हैं. अधिकतर उनमें से एक्टर होते हैं, जो स्टेज नाम के हिसाब से प्ले करते हैं.
WWE के फैन्स भले ही किसी फाइट के नतीजे का इंतज़ार करते हैं, लेकिन यह पहले से ही तय होता है कि कौन कब और कितनी देर में जीतेगा.
WWE में भले ही नतीजा पहले से तय होता हो, लेकिन रिंग के अंदर होने वाली फाइट असली होती है. कुछ हिस्सा उसका पहले से ही तय होता है, लेकिन कैरेक्टर उसे असली प्ले करते हैं.
WWE हालांकि अपने फैन्स से कुछ भी छुपाता नहीं है. बल्कि इसे फिक्शन एंटरटेनमेंट के तौर पर ट्रीट करता है.