यशस्वी जायसवाल वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले ही टेस्ट मैच में शतक जड़ने के बाद चर्चा में आ गए हैं.
यशस्वी जायसवाल विदेश में पहले ही टेस्ट में शतक बनाने वाले पहले भारतीय सलामी बल्लेबाज बन गए हैं.
विंडीज के खिलाफ 143 नॉट आउट रन बना चुके यशस्वी के पास दोहरा शतक जड़ने का मौका है. उन्होंने ऐसा किया तो वो ऐसा करने वाले पहले भारतीय होंगे.
यूपी के भदोही में 28 दिसम्बर 2001 को जन्मे यशस्वी जायवाल 12 साल की उम्र में मुंबई पहुंचे और आजाद मैदान में क्रिकेट की एबीसीडी सीखी.
यहां वह मुस्लिम यूनाइटेड क्लब के संपर्क के कोच इमरान सिंह के संपर्क में आए. कोच इमरान ने उनसे कहा कि अगर मैच में परफॉर्म किया तो उसे टेंट में रहने को मिलेगा.
ऐसा दावा है कि यशस्वी ने टेंट में रहकर भी अपनी जिंदगी आजाद मैदान के पास बिताई, डेयरी में भी काम किया. यशस्वी ने खुद एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने गोलगप्पे भी बेचे थे.
यहीं उन्हें पहली बार कोच ज्वाला सिंह ने पहली बार देखा था, फिर वह उनको सबअर्बन सांताक्रुज में स्थित अपनी कोचिंग में ले गए.
यशस्वी की जिंदगी में बड़ा यूटर्न अक्टूबर 2019 में आया. जब उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में 113, 22, 122, 203 और नाबाद 60 रन बनाए थे.
इसके अगले साल यशस्वी ने दक्षिण अफ्रीका में अंडर-19 वर्ल्ड कप में शानदार बल्लेबाजी की, जहां वो 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' रहे और टीम उपविजेता रही.
घरेलू क्रिकेट में मुंबई से खेलने वाले यशस्वी ने 15 फर्स्ट क्लास मैचों में 80.21 के एवरेज से 1845 और 32 लिस्ट ए मैचों में भी 53.96 के एवरेज से 1511 रन बनाए हैं.
इस बार आईपीएल में भी यशस्वी ने 14 मैचों में 625 रन जड़े थे. आईपीएल में उन्हें राजस्थान रॉयल्स ने ऑक्शन में 2.4 करोड़ में खरीदा था.
इसी वजह से उनका टीम इंडिया में सेलेक्शन हुआ. वेस्टइंडीज के खिलाफ शतक जड़कर यशस्वी ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए.
यशस्वी जायसवाल शतक जड़ने के बाद भावुक हो गए और उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय मां-बाप को दिया.
यशस्वी के पिता भूपेंद्र जायसवाल अपने बेटे की सफलता पर बेहद खुश दिखे. उन्होंने कहा कि उनकी दिली इच्छा है कि उनका बेटा इस शतक को दोहरे शतक में बदले.
यशस्वी जायसवाल के कोच ज्वाला सिंह अपने शिष्य के शानदार आगाज से काफी खुश नजर आए.
उन्होंने कहा, 'मुझे अहसास था कि वह अच्छी शुरुआत करेगा.' यशस्वी जायसवाल शतक के साथ टेस्ट करियर का आगाज करने वाले भारत के 17वें बल्लेबाज हैं.
वहीं जायसवाल ने मैच के बाद कहा, ‘यह तो सिर्फ मेरे करियर का आगाज है. कोशिश करूंगा कि कितना लंबा लेकर जा सकूं.’
इस युवा बल्लेबाज ने 215 गेंदों में अपना शतक पूरा किया और इस दौरान रोहित ने उनका शानदार तरीके से साथ दिया. दोनों ने पहले विकेट के लिये 229 रनों की साझेदारी की.
जायसवाल ने कहा, ‘बल्लेबाजी के दौरान मैं रोहित से लगातार बात कर रहा था वह मुझे समझा रहे थे कि इस विकेट पर किस तरह से बल्लेबाजी करनी है और कैसे रन निकालने है.’