21 Oct 2024
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Digital Arrest स्कैम का शिकार गाजियाबाद में रहने वाले रिटायर्ड FCI ऑफिसर हो चुके हैं. उनके साथ 60 लाख रुपये की ठगी हुई है. इसकी जानकारी हमारे रिपोर्टर मयंक गौड़ ने दी है.
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साइबर अपराधियों ने रिटायर्ड अधिकारी को 6 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर जांच के नाम पर डराया, धमकाया. इसके बाद अलग अलग खातों में 60 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए.
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विक्टिम के पास दिल्ली क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर, साइबर ठगों ने कॉल किया. विक्टिम साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज करा चुके हैं. पुलिस टीम मामले की जांच में जुटी है.
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फेक क्राइम ब्रांच ऑफिसर ने रिटायर्ड अधिकारी प्रीतम सिंह चौहान को मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर 6 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा. इसके बाद उन्हें 60 लाख का चूना लगाया.
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पीड़ित रिटायर्ड अधिकारी गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के वसुंधरा इलाके के रहने वाले हैं. FIR में उन्होंने बताया है कि बीती 10 तारीख को उनके पास एक कॉल आया.
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कॉल करने वाले ने खुद की पहचान दिल्ली के साइबर क्राइम अधिकारी के रूप में बताई.
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इसके बाद उन्हें बताया कि बच्चों की ट्रैफिकिंग करने वाले अपराधियों के गैंग द्वारा कुल 17 बच्चों को बेचकर 68 करोड रुपए ट्रांसफर हुए हैं.
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विक्टिम को बताया कि 68 लाख रुपए उनके नाम से खुले एक बैंक अकाउंट से ट्रांसफर किए हैं. इसके बाद उन्हें बताया कि चाइल्ड ट्रैफिकिंग के साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग का केस उनके खिलाफ बनता है.
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इसके बाद विक्टिम को बताया कि CBI द्वारा मुकदमा दर्ज किया जा चुका है. जल्द ही उनकी गिरफ्तारी कर ली जाएगी. इसके बाद उन्हें जेल भेजने की धमकी दी.
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इसके बाद रिटायर्ड अधिकारी डर गए. फिर साइबर ठगों ने विक्टिम को बताया कि वह उन्हें बचा सकते हैं. इसके बदले में कुछ रुपयों की मांग रखी.
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जांच और गिरफ्तारी का डर दिखाकर पीड़ित बुजुर्ग अधिकारी से अलग-अलग अकाउंट में 60 लाख रुपए की रकम मांगी. विक्टिम ने यह रकम उन्हें ट्रांसफर कर दी.
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इसके बाद भी साइबर अपराधियों ने उनसे 50 लाख रुपए डिमांड की. इसके लिए उन्हें कोर्ट का फर्जी नोटिस भी भेजा गया. इसके बाद उन्हें इस मामले पर शक हुआ.
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इसके बाद विक्टिम को साइबर ठगी का पता चला और उन्होंने गाजियाबाद साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया. साइबर थाना इंचार्ज संतोष तिवारी ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया है.
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