कैसे काम करती है Fiber Optic टेक्नोलॉजी?
आपने तमाम तरह की फाइबर सर्विसेस- जियो फाइबर, भारत फाइबर और अन्य का नाम सुना होगा. इस तरह की सर्विसेस फाइबर ऑप्टिक्स के माध्यम से आपके घरों तक पहुंचती हैं.
क्या आप इस तरह के सर्विस प्रोवाइडर्स की टेक्नोलॉजी के बारे में जानते हैं? यानी क्या आपको Fiber Optic technology के बारे में जानकारी है?
कई बार सवाल आता है कि इस टेक्नोलॉजी के जरिए यूजर्स को इतनी फास्ट स्पीड से इंटरनेट कैसे मिलता है? इसका जवाब इस टेक्नोलॉजी के काम करने के तरीके में छिपा है.
Fiber Optic technology में फाइबर-ऑप्टिक केबल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो सैकड़ों या दर्जनों ऑप्टिकल फाइबर का एक बंडल होता है.
ये ऑप्टिकल फाइबर ग्लास या प्लास्टिक की बेहद पतली पाइप के जैसे होते हैं. ये इंसान के बालों से भी 10 गुना ज्यादा पतले होते हैं और आपको डेटा इनसे होकर ही मिलता है.
फाइबर-ऑप्टिक केबल्स तेजी से ट्रैवल करने वाली लाइट पल्स को ट्रांसमिट करती हैं. सेंट्रल फाइबर के चारों तरफ ग्लास की एक लेयर होती है, जिसे क्लैडिंग कहते हैं.
लाइट ग्लास की इन दीवारों से टकराते हुए एक जगह से दूसरे जगह तक पहुंचती है. चूंकि लाइट की स्पीड काफी तेज होती है, इसलिए आपको इस टेक्नोलॉजी में फास्ट स्पीड से डेटा मिलता है.
जहां दूसरी टेक्नोलॉजी में इलेक्ट्रिक्ल सिग्नल के जरिए डेटा ट्रांसमिट किया जाता है. वहीं फाइबर ऑप्टिक्स में लाइट का इस्तेमाल होता है, जिसकी स्पीड काफी तेजी होती है.
इसी वजह से आपको दूसरे माध्यमों के मुकाबले फाइबर ऑप्टिक्स में ज्यादा बेहतर स्पीड से इंटरनेट मिलता है. ये टेक्नोलॉजी ज्यादा सिक्योर भी है, क्योंकि इसमें सिग्नल्स से छेड़छाड़ कर पाना कठिन होता है.