17 Mar 2024
SIM Card को लेकर नए नियम जारी कर दिए हैं. इन नियम की जानकारी टेलिकॉम रेगुलेटर अथॉरिटी और इंडिया (TRAI) की तरफ से 15 मार्च को दी. यह नियम 1 जुलाई से देशभर में लागू हो जाएंगे.
TRAI के मुताबिक, नए नियमों में बदलाव करने से साइबर फ्रॉड और ऑनलाइन ठगी आदि पर लगाम लगाया जा सकेगा. यह आम लोगों की सेफ्टी के लिए तैयार किए गए हैं.
TRAI ने X प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करके जानकारी दी है कि मोबाइल यूजर्स सिम स्वैप कराते हैं, तो वे उसके बाद अपने मोबाइल नंबर को पोर्ट नहीं कर सकेंगे. यह समय सीमा 7 दिन तक की होगी.
दरअसल, सिम खोने या फिर टूट जाने के बाद यूजर्स को नया सिम कार्ड ईशू कराना पड़ता है. उसके बाद वह अपने फोन में उस नंबर को चला सकते हैं और OTP, मैसेज और कॉल आदि एक्सेस कर सकते हैं.
साइबर ठगी को लेकर अक्सर ऐसे केस सामने आते हैं, जहां साइबर क्रिमिनल्स स्विम स्वैप करके भोले-भाले लोगों को लाखों रुपये का चूना लगाते हैं. सिम स्वैपिंग से एक व्यक्ति के फोन पर आने वाले कॉल और मैसेज दूसरे फोन पर आने लगते हैं.
सिम स्वैपिंग के केस में स्कैमर्स बड़ी ही आसानी से भोले-भाले लोगों को लाखों रुपये का चूना लगा देते हैं. जब तक वह सिम स्वैपिंग को समझते हैं, तब तक वह ठगी का शिकार हो चुके होते हैं.
आमतौर पर सिम स्वैपिंग होने की जानकारी यूजर्स को जल्दी नहीं मिल पाती है, क्योंकि उनके मोबाइल से नेवटर्क चले जाते हैं. इसके लिए वह कुछ समय इंतजार करता है.
ट्राई ने टेलीकॉम मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (नौवें संसोधन) रेगुलशन 2024 को जारी किया है. इसके बाद मोबाइल नंबर पोर्टेबिलियी को लेकर यह नियम जारी किया है.
SIM एक ब्रीफ नाम है, इसका पूरा नाम Subscriber Identity Module है. यह एक छोटा सा चिप होता है, जो स्मार्टफोन को सेल्यूलर नेवटर्क से कनेक्ट कराता है.