18 Mar 2024
ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विस Ola और Uber के बारे में आपने जरूर सुना होगा. हालांकि उन लोगों की भी संख्या कम नहीं है, जो इन पर कम भरोसा करते हैं और उन्हें लगता है कि ये ज्यादा चार्ज वसूलेंगे.
दरअसल, कुछ ऐसा ही साल 2021 में चंड़ीगढ़ के रहने वाले एक व्यक्ति के साथ हुआ था. जहां शिकायतकर्ता से Uber को सिर्फ 8.83 किलोमीटर की ट्रिप के बदले 1334 रुपये के चार्ज की पेमेंट की.
शिकायतकर्ता इसके बाद शांत नहीं बैठा वह इस मामले को कंज्यूमर कमिशन फोरम तक ले गया और फोरम ने Uber पर जुर्माना लगाया. यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट से मिली.
चंडीगढ़ के कंज्यूमर कोर्ट ने Uber पर टोटल 20 हजार रुपये की पेमेंट करने को कहा, जिसमें 10 हजार रुपये पैनल्टी के हैं और 10 हजार रुपये कोर्ट फीस के रूप में दिलाई.
चंडीगढ़ निवासी अश्वनि पराशर ने बताया कि उन्होंने 6 अगस्त 2021 को एक राइड बुक की. ट्रिप कंप्लीट होने के बाद उसे 1,334 रुपये की पेमेंट करनी पड़ी, जो बहुत ज्यादा है.
इसके बाद शिकायतकर्ता ने कई बार कस्टमर केयर और कंपनी के साथ जीमेल से संपर्क करने की कोशिश की. हालांकि उसकी परेशानी को किसी ने नहीं सुना.
इसके बाद शिकायतकर्ता ने कंज्यूटर डिस्प्यूट रिड्रेसर कमीशन ऑफ चंडीगढ़ का रास्ता चुना. वहां Uber India ने इस चार्ज को सही ठहराने की कोशिश की.
Uber ने बताया कि कस्टमर को पहले दिखाया गया किराया 359 रुपये था. इस ट्रिप के दौरान कई बार रूट बदला गया. इसके बाद डेस्टिनेशन पर पहुंचने के बाद किराया 1,334 रुपये पर जा पहुंचा.
फोरम ने कहा, Uber ने अग्रिम बुकिंग के समय वास्तविक तय किराए से अधिक किराया वसूलना एक अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस (अनुचित व्यापार व्यवहार) है, जिसकी निंदा होनी चाहिए.
शिकायतकर्ता मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न की वजह से मुआवजे के साथ मुकदमेबाजी का भी हकदार है. कोई ड्राइवर पार्टनर के साथ किए गए कॉन्ट्रैक्ट की आड़ में अपनी जिम्मेदारियों से बच नहीं सकता है.