07 Mar 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल से कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की बात कही है. इस ऐलान के साथ ही ट्रंप ने चीन, ब्राजील और भारत की आलोचना भी की है.
अमेरिका से आयात होने वाले प्रोडक्ट्स पर भारत में ज्यादा टैक्स लगता है. खासकर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर इसका असर दिखता है, जिसका ट्रंप विरोध करते हैं.
डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ के ऐलान के बाद से बाजार में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. कई लोगों का सवाल है कि क्या इससे iPhone महंगे हो जाएंगे.
हालांकि, ट्रंप ने किसी खास प्रोडक्ट या सेगमेंट पर टैरिफ लगाने को लेकर जानकारी नहीं दी है. इससे ये साफ नहीं है कि इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स पर क्या असर होगा.
भारतीय बाजार में बने इलेक्ट्रॉनिक गुड्स प्रमुख आइटम हैं, जिसे अमेरिकी बाजार में इंपोर्ट किया जाता है. इसकी वजह से ऐपल जैसे ब्रांड भारत में मैन्युफैक्चरिंग करते हैं.
पहले ऐपल चीन में मैन्युफैक्चरिंग करता था, लेकिन चीन के साथ अमेरिका के बढ़ते टकराव को देखते हुए कंपनी ने अपनी कई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को भारत में शिफ्ट किया है.
रिपोर्ट्स की मानें तो भारतीय इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चर्रस को ट्रंप के टैरिफ हाइक का नुकसान होने की संभावना कम है. इसकी वजह भारत का एक सस्ता मैन्युफैक्चरिंग मार्केट होना है.
हालांकि, इसका असर तब ज्यादा होगा, जब भारत भी अमेरिका पर पहले से ज्यादा टैरिफ लगाने लगे. यानी अमेरिकी टैरिफ के जवाब में भारत टैक्स को और बढ़ा दे.
इसकी वजह से ऐपल और सैमसंग जैसी कंपनियों की कॉस्ट पर असर पड़ सकता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि रेसिप्रोकल टैरिफ से देशों के बीच टकराव बढ़ता है.
अगर कोई भी देश टैक्स को लेकर पीछे नहीं हटता है, तो ब्रांड्स पर इसका असर होता है. इसकी वजह से कंपनियों को प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ानी पड़ती हैं.
अगर अमेरिका और भारत ऐसी स्थिति में आते हैं, तो ऐपल के तमाम प्रोडक्ट्स पर असर पड़ सकता है. हालांकि, ऐसी परिस्थिति होने की संभावना कम है.