दुनिया भर की स्पेस एजेंसी खोज के लिए अपने एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजती हैं. इस दौरान वहां कैसी गंध आती है, इसे लेकर अलग अलग बातें सामने आईं.
दशकों से अंतरिक्ष यात्रियों ने अंतरिक्ष की गंध की तुलना गर्म मेटल, जला हुआ मांस, जले हुए केक, इस्तेमाल हो चुके बारूद और मेटल की वेल्डिंग से की है.
लेकिन इनमें से सबसे ज्यादा ने कहा है कि यह बीफ की गंध जैसी है. इसके पीछे के कारण को लेकर विशेषज्ञ हैरान हैं.
इसी तरह की गंध का इस्तेमाल अब एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग में भी होता है. ताकि उन्हें भविष्य में अंतरिक्ष में जाने पर कोई दिक्कत न आए.
डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, एक थियरी कहती है कि ऐसा सूर्य से निकलने वाली अल्ट्रावॉयलेट रेज के कारण होता है.
ये इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के आसपास मौजूद ऑक्सीजन के साथ मिलकर केमिकल रिएक्शन करती है. या ये किसी तारे में विस्फोट के कारण हो सकता है.
जब तारे मरते हैं तो वे बदबूदार गंध वाला मॉलिक्यूल उत्पन्न करते हैं, जिसे पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन कहते हैं, जो कोयला, भोजन और तेल में पाया जाता है.
अमेरिका के ह्यूस्टन में नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में मिशन कंट्रोल में स्पेसवॉक फ्लाइट कंट्रोलर मिरांडा नेल्सन ने इस पर जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि दोनों ही थियरी में से एक सही हो सकती है. लेकिन इन पर किए गए आधिकारिक अध्ययन में डाटा की कमी है.