कुंभ में भक्तों को अपने हाथों से बनी रोटी ख‍िला रहे मौनी बाबा 

कृष्ण जन्मभूमि से सटा वृंदावन जहां राधा-कृष्ण रासलीला किया करते थे, वहां यमुना किनारे पावन कुंभ मेले का आगाज हो चुका है. 

कुंभ में कोई बाबा धूनी जमा के बैठा है तो किसी ने 2 साल से मौन व्रत रखा हुआ है तो किसी ने एक पैर पर खड़े होने का प्रण ले रखा है.


कुंभ मेले में ऐसे ही 60 साल के मौनी बाबा की खूब चर्चा है जो केदारनाथ से आये हैं. इनका नाम श्री हरिओम भारती जी महाराज है. 

इन्होंने 2 साल से मौन व्रत रखा हुआ है. ये किसी से बोल कर बातचीत नहीं करते. यदि इनसे कोई बात करे तो ये उन सभी बातों का जवाब कॉपी पर लिख कर देते हैं.

मौन व्रत की अनोखी साधना के साथ इनके टिक्कर (रोटी) भी चर्चा का विषय है. ये अपने यहां आने वाले सभी भक्तों को अपने हाथ से रोटी बनाकर खिलाते हैं. 

कुंभ में महात्यागी मुनिन्दर दास बाबा भी आने वाले श्रद्धालुओं में उत्सुकता का विषय बने हुए है क्योंकि ये बाबा बैठते नहीं है. ये सिर्फ एक पैर पर तब से खड़े है जब से बाबरी मस्जिद गिरी है. 

बाबा और उनके साथी साधु जग कल्याण के लिए बसन्त पंचमी से ज्येष्ठ के गंगा दशहरा तक धूनी जमाते है जिसमें ये हर रोज 7 घंटे अग्नि के घेरे में बैठते हैं.

बता दें क‍ि वृंदावन में कुंभ 16 फरवरी से 25 मार्च तक चलेगा. कुंभ में स्नान का बहुत महत्व होता है लेकिन यहां भागवत कथा, हवन, भजन और साधुओं के दर्शन का भी काफी महत्व है. 

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