लड़कियों ने हवा में फेंके 'दुपट्टे', बताया पितृसत्ता की निशानी? जानें वायरल Video की सच्चाई
16 March 2023
सोशल मीडिया पर कुछ लोग एक वीडियो शेयर कर रहे हैं. इसमें लड़कियां बालकनी से हवा में दुपट्टे फेंकती दिख रही हैं.
(Credit- Twitter)
वीडियो को शेयर करने वालों ने दावा किया कि 'लड़कियां दुपट्टा इसलिए फेंक रही हैं क्योंकि वह इसे उत्तर भारत और पितृसत्ता की निशानी मानती हैं.'
वीडियो शेयर कर ये बताने की कोशिश की गई कि दक्षिण भारत के लोगों में उत्तर भारत के प्रति कितनी नफरत है. वीडियो को तमिलनाडु के आदिवासी स्कूल का बताया गया.
हमने इस वीडियो की पड़ताल की. जिसमें सोशल मीडिया पर किए जा रहे सभी दावे झूठे साबित हुए. हमें इस मामले से जुड़ी पूरी जानकारी मिली है. कि आखिर लड़कियों ने किस वजह से बालकनी से दुपट्टे नीचे फेंके.
हमें पता चला कि स्कूल में पढ़ने वाली ये लड़कियां बालकनी से दुपट्टा फेंककर मशहूर लेखिका गीता इलानगोवान का स्वागत कर रही हैं.
ये लड़कियां तमिलनाडु के कलवरायन हिल्स के सरकारी रेजिडेंशियल स्कूल में पढ़ती हैं. इन्होंने लेखिका गीता इलानगोवान का स्कूल पहुंचने पर स्वागत किया है.
गीता ने तमिल भाषा में 'दुपट्टा पोडुंग थोजी' नाम की किताब लिखी है. इसका मतलब है, 'दुपट्टा पहन लो दोस्त.' छात्राओं को किताब चैरिटी के तौर पर अवेयर इंडिया नाम के एनजीओ ने दी थी.
इसमें बताया गया कि महिलाओं को कैसे व्यवहार करने के लिए कहा जाता है और उन्हें कैसे गुलाम बनाया जा रहा है. वहीं, इस एनजीओ ने भी अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर वीडियो शेयर किया है.
जब लेखिका स्कूल पहुंचीं, तो वहां छात्राएं उन्हें देखकर काफी खुश हुईं. उन्होंने अपनी खुशी जाहिर करने और स्वागत के लिए अलग-अलग फ्लोर्स से दुपट्टे नीचे फेंके.