हैलोवीन नाम का उत्सव हर साल 31 अक्टूबर को दुनिया भर के कई देशों में मनाया जाता है.
यह त्योहार मुख्य तौर पर पश्चिमी मुल्कों में ऑल सेंट्स डे की पूर्व संध्या पर मनाया जाता है.
अमेरिका, ब्रिटेन जैसे पश्चिमी देशों के अलावा अब यह त्योहार भारत, चीन में भी मनाया जाने लगा है.
इस मौके पर लोग भूत-प्रेत, चुड़ैल, जॉम्बीज़ या काल्पनिक डरावने किरदारों के वेश में सजते हैं, परेड निकालते हैं और पार्टियां आयोजित करते हैं.
कई यूरोपीय देशों में मान्यता है कि ऑल सेंट्स डे (1 नवंबर) की पूर्व संध्या पर मृत लोग या आत्माएं धरती पर आती हैं.
मान्यता है कि जो लोग इस मौके पर डरावने वेश भूषा में तैयार होते हैं, वे बुरी आत्माओं की नजर में आने से बच जाते हैं.
इस अवसर पर अमेरिका में लोग डरावने वेशभूषा में दूसरों के दरवाजों पर आते हैं और पैसे या खाना मांगते हैं.
मान्यता है कि भूत-प्रत भी भिखारी के वेश में दरवाजे पर आकर खाना-पैसे मांग सकते हैं और मना करने से वे नाराज हो सकते हैं.
हैलोवीन पर लोग कद्दू पर भूत के चेहरे की आकृति बनाकर उसमें रोशनी करते हैं. मान्यता है कि इससे अच्छी आत्माएं आकर्षित होती हैं.