इंसानी अंगों को खाते थे ये राजा... स्वाद नहीं, कुछ और थी खाने की वजह

22 October 2024

Credit: AI

इतिहास में कुछ ऐसी भी घटनाओं का जिक्र आता है, जिससे यह पता चलता है कि कुछ राजा मानव अंगों को खा जाते थे. इस तथ्य में कितना दम है या फिर ये सिर्फ कोरी अफवाह भर है, जानते हैं पड़ताल में क्या आया सामने.

Credit: AI

पुराने जमाने में यूरोप के कुछ देशों के राजाओं के द्वारा इंसानी अंगों के इस्तेमाल का कुछ इतिहासकार जिक्र करते हैं.

Credit: AI

अब यह जानना जरूरी है कि ये राजा क्या वास्तव में नरभक्षी थे, या फिर इनकी कुछ मजबूरी थी, या कभी धोखे से या गलती से ऐसा कुछ हुआ.

Credit: AI

इतिहास में ऐसा जिक्र है कि  मानव शरीर के कुछ अंग, पुराने जमाने में जिन्हें मुमिया कहा जाता था. अक्सर शहर के जल्लादों द्वारा औषधालयों और चिकित्सकों को बेचे जाते थे.

Credit: AI

उस समय के डॉक्टरों का मानना ​​था कि मृत्यु के बाद भी जीवन शक्ति का कुछ तत्व शरीर में रह जाता है. खासकर फांसी या दुर्घटनाओं में मौत के मामले में.

Credit: AI

जब एक स्वस्थ युवा व्यक्ति की अचानक मौत हो जाती थी तो इस प्रकार के मृतक के शरीर के अंगों में प्राकृतिक जीवन काल अच्छे तत्व बचे रह जाते थे.

Credit: AI

ऐसे में कुछ चिकित्सक औषधि के रूप में कुछ जटिल रोग होने पर उसका  सेवन करने की सलाह राजाओं को देते थे. ऐसे मामलों का  कुछ जगहों पर इतिहास में जिक्र है.

Credit: AI

एक पुराने रिकॉर्ड के अनुसार दावा किया गया है कि कई राजा जिनमें - इंग्लैंड के चार्ल्स द्वितीय और विलियम द्वितीय, फ्रांस के फ्रांकोइस प्रथम और डेनमार्क के क्रिश्चियन चतुर्थ के दवाओं में मानव अंग का इस्तेमाल हुआ था.

Credit: AI

1616 में इंग्लैंड के जेम्स I को गठिया की बीमारी हुई, तो उनके चिकित्सक थियोडोर डे मेयर्न ने  एक बिना दफ़न किए हुए मानव खोपड़ी में जड़ी-बूटियों और सफ़ेद शराब और मट्ठे से बनी औषधि लेने की सलाह दी.

Credit: AI

कहा जाता है कि राजा ने मानव शरीर के अंग का इस्तेमाल करने से मना कर दिया. इसलिए उसके बदले में बैल की खोपड़ी में दवा बनाकर उन्हें दी गई थी. (यहां इस्तेमाल की गई सभी फोटो AI जेनरेटेड और प्रतीकात्मक हैं.)

Credit: AI