23 Mar 2025
अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो आपने मजनू का टीला का नाम जरूर सुना होगा या आप यहां अपने दोस्तों के साथ जरूर गए होंगे.
मजनू का टीला दिल्ली के लोगों का फेवरेट स्पॉट है. यहां देश विदेश से भी काफी सैलानी आते हैं.
मजनू के टीले में आपको तिब्बती रेस्टोरेंट, रूफटॉप रेस्टोरेंट, मठ और कपड़ों की दुकानें देखने को मिलेगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका नाम मजनू का टीला कैसे पड़ा.
मजनू का टीला नाम सुनकर कहीं आपको भी तो ये नहीं लगता कि इस जगह पर मजनुओं का जमावड़ा लगता होगा. या मजनू से इसका कोई पुराना नाता रहा होगा.
लेकिन, इसके पीछे की कहानी कुछ और ही है. लोक मान्यताओं के मुताबिक, सिकंदर लोदी के शासन काल में ईरान से आए ‘मजनू’ नाम के एक सूफी संत यहां मौजूद एक टीले पर रहते थे.
ये पूरा इलाका यमुना नदी के पास था, इसलिए संत परोपकार की भावना से लोगों को मुफ्त में नदी पार कराते थे. जिसके चलते यहां के स्थानीय लोगों ने इस जगह को 'मजनू का टीला' कहना शुरू कर दिया.
हालांकि, अब उत्तरी दिल्ली के इस इलाके का आधिकारिक नाम न्यू अरुणा नगर कॉलोनी है.
मजनू का टीला के नाम से यहां एक गुरुद्वारा भी है. ऐसा माना जाता है कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी जब यहां आए थे तो मजनू ने उनकी खूब सेवा की.
जिससे खुश होकर उन्होंने यहां कुछ दिन और रुकने का फैसला किया. इलाके के लोगों का दावा है कि स्वयं गुरु नानक देव ने ये घोषणा की थी कि ये जगह मजनू का टीला के नाम से जाना जाएगा.