हथौड़े, पेंचकस, चिमटे से टॉर्चर होते बंदर! देखने के लिए पैसा बरसा रहे लोग

हथौड़े, पेंचकस, चिमटे से टॉर्चर होते बंदर! देखने के लिए पैसा बरसा रहे लोग

Credit- Pexels 

इंसान की इंसानियत किस हद तक गिर सकती है, इसका अंदाजा आज के वक्त में लगाना कोई मुश्किल काम नहीं है.

अब एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे पढ़कर कुछ देर के लिए आप सोच में पड़ जाएंगे.

दुनिया में ऐसे लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिन्हें किसी को दर्द में तड़पता, सजा मिलता या अपमानित होता देख मजा आता है.

वो इसे देखने के लिए पैसे देने को भी तैयार हैं और देते भी हैं. ऐसे ही एक ऑनलाइन रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है.

मिरर यूके की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें लोग बंदरों पर जुल्म वाले वीडियो देखने के लिए ऑनलाइन पैसे देते हैं.

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, एक साल लंबी चली जांच के बाद इसका खुलासा हुआ है. ये रैकेट अमेरिका से लेकर इंडोनेशिया तक फैला हुआ है.

इसमें कई देश शामिल हैं. अमेरिका, ब्रिटेन और इंडोनेशिया समेत कई देशों के लोग बंदरों के छोटे छोटे बच्चों पर जुल्म देखने के लिए पैसे दे रहे हैं.

पहले तो ऐसे वीडियो यूट्यूब पर अपलोड किए जाते थे. लेकिन फिर मांग तेजी से बढ़ता देख इन्हें प्राइवेट ग्रुप पर पोस्ट किया जाने लगा.

इसके लिए टेलीग्राम तक का इस्तेमाल होता है. इस जांच के बारे में जब पुलिस को पता चला तो रिंग से जुड़े कई लोग गिरफ्तार किए गए.

जांच के तहत एक शख्स को टेलीग्राम के टॉर्चर वाले ग्रुप से जोड़ा गया. यहां लोग टॉर्चर करने के लिए आइडिया देते हैं.

इसके बाद ये इंडोनेशिया और अन्य एशियाई देशों में बैठे लोगों को टॉर्चर वाले वीडियो देखने के बदले पैसे भेजते हैं.

कई बार तो वो बंदरों को जान से मारने को भी कहते हैं. लेकिन बंदर इतना कुछ झेलने के बाद खुद ही मर जाते हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, 'द टॉर्चर किंग' के नाम से मशहूर ग्रुप का अमेरिकी सदस्य माइक मककैर्टने वीडियो शेयर करने के बदले पैसे लेता था.

उसका कहना है कि सबसे पहले एक पोल होता है, जिसमें लोगों से पूछा जाता है कि टॉर्चर के लिए वो हथौड़ा, चिमटा, पेंचकस, किसे ज्यादा पसंद करेंगे.

एक बार तो ब्लेंडर का भी इस्तेमाल किया गया. ग्रुप के फाउंडर को ऑनलाइन मिस्टर अपे कहा जाता है. उसने बताया कि वो ये काम क्यों करता था.

उसने कहा कि वो बचपन में अकेलेपन का शिकार हुआ और वयस्क होने पर भी. उसने कहा कि उसका दर्द नफरत में बदल गया.  

उसने कहा, 'जो चीज सबसे अधिक आकर्षक लगती थी, वह था कि किसी और को पीड़ित होता देखना, वो चीज जो दिखने में इंसान जैसी हो. क्योंकि मैं खुद पीड़ित था.'

इन दोनों का कहना है कि इन्हें अपने किए पर शरम आती है. अब दुनिया के करीब 20 लोग जांच के दायरे में हैं, इनमें ब्रिटेन में रहने वाली तीन महिलाएं भी शामिल हैं.

ये महिलाएं बीते साल गिरफ्तार हुई थीं और अभी जांच के दायरे में हैं. बंदरों के मालिक और उन्हें टॉर्चर करने वाले दो इंडोनेशियाई पुरुषों को जेल की सजा हुई, जो कुछ महीनों की ही है.