वैज्ञानिक को यहां मिला था दुनिया का सबसे पुराना पानी, क्या हुआ उसका?

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एक वैज्ञानिक ने दुनिया का सबसे पुराना पानी ढूंढा था. इस खबर ने दुनिया भर में खूब सुर्खियां भी बटोरीं.

प्रोफेसर बारबरा शेरवुड लोलर ने जब 2016 में ये अनोखी खोज की, तब वो कनाडा की एक खदान का अध्ययन कर रहे भूवैज्ञानिकों की टीम का नेतृत्व कर रही थीं.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, परीक्षणों के अनुसार, सतह से लगभग तीन किलोमीटर नीचे बहता पानी 1.5 बिलियन से 2.6 बिलियन साल पुराना था. 

इसे पृथ्वी पर पाया गया सबसे पुराना पानी बताया गया. अब लोग इस सोच में थे कि आखिर इस पानी का क्या किया जाएगा?

प्रोफेसर शेरवुड कहती हैं, 'जब लोग इस पानी के बारे में सोचते हैं तो उन्हें लगता है कि यह चट्टान के भीतर फंसा हुआ कम मात्रा का पानी होगा.'

इसके बाद लोलर ने इस पानी को पिया भी. इसका टेस्ट 'काफी नमकीन और कड़वा' था. ये समुद्री पानी से ज्यादा खारा था. पानी की मात्रा उम्मीद से अधिक थी.

उन्होंने बताया कि खारा पानी पुराना होता है. इस मामले में भी पानी अरबों साल से पुराना हो रहा था. इसमें हैरानी की कोई बात नहीं है.

शेरवुड लोलर ने कहा, 'अगर आप एक भूविज्ञानी हैं, जो चट्टानों पर काम करते हैं, तो संभवतः आपने बहुत सी चट्टानें चखी होंगी.'

लोलर की टीम ने पानी में सल्फेट और लवण की संरचना देख ये भी पता लगाया था कि कभी पानी में जीवन मौजूद था.