सूर्य से 800 गुना बड़ा... NASA को दिखा दुर्लभ 'ब्लैक होल', क्यों है खास?

सूर्य से 800 गुना बड़ा... NASA को दिखा दुर्लभ 'ब्लैक होल', क्यों है खास?

Credit: Pexels/Pixabay

रोशनी समेत लगभग सबकुछ निगल जाने वाले ब्लैक होल्स के बारे में हर कोई जानता है. अब नासा ने एक इंटरमीडिएट साइज के ब्लैक होल का पता लगाया है.

डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, इसका द्रव्यमान सूर्य से 800 गुना अधिक है. लेकिन इसे इंसानी आंखों से नहीं देखा जा सकता.

स्टार क्लस्टर मेसियर 4 लगभग 6,000 प्रकाश वर्ष दूर पृथ्वी के सबसे करीब वाला ऐसा सिस्टम है, जिसमें सैकड़ों हजारों सितारे हैं.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने स्टार क्लस्टर के केंद्र में मौजूद ब्लैक होल होने की संभावना के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने हबल स्पेस टेलीस्कॉप को काम पर लगाया है.

टेलीस्कोप के साइंस मिशन पर काम करने वाले स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट के इडुआर्डो विटरल का कहना है, 'आप इस तरह के विज्ञान को हबल के बिना नहीं कर सकते.' तुर्की हैं.

ऐसा अनुमान है कि अकेली मिल्की वे गैलेक्सी में ही 100 मिलियन ब्लैक होल्स हैं. हालांकि अभी मिले ब्लैक होल को लेकर नासा ने कुछ नई बात कही हैं.

आपको बता दें, विज्ञान ने काफी वक्त पहले ही ब्लैक होल्स का पता लगा लिया था. इसकी पहली तस्वीर भी दुनिया के सामने आ चुकी है.

ब्लैक होल्स में से कुछ बेहद छोटे होते हैं, तो कुछ काफी बडे़ होते हैं. लेकिन कुछ ब्लैक होल इंटरमीडिएट साइज के भी होते हैं, जिनकी रेंज 100 से 1000 सन (यानी सोलर) मास के बराबर होती है.

इस ताजा मामले में नासा का कहना है, 'ये ब्लैक होल दुर्लभ है: ये कोई छोटा ब्लैक होल नहीं है, जो गैलेक्सियों को घुमाने का काम करता है.'

नासा ने कहा, 'न ही ये विशालकाय है, जो गैलेक्सी के केंद्र में है. जैसे सैगिटेरियस A. जिसका वजन सूर्य से लाखों गुना अधिक है.'

एजेंसी को इस बार जिस इंटरमीडिएट साइज के ब्लैक होल का पता चला है, उसे लेकर वैज्ञानिकों के मन में कई तरह के सवाल हैं. जैसे कि ये इतना दुर्लभ क्यों है.

ये माना जाता है कि ब्लैक होल्स में अकल्पनीय द्रव्यमान होता है, इसका गुरुत्वाकर्षण इतना मजबूत होता है कि इसकी चपेट में आने से रोशनी भी नहीं बचती.

लेकिन शोधकर्ता 12 साल से मेसियर 4 को हबल की मदद से देख रहे हैं. नासा का कहना है, देखा गया है कि सितारे क्लस्टर के कोर के पास ऐसे होते हैं, 'जैसे मधुमक्खियां एक छत्ते के पास घूमती हैं.'

इस रिसर्च को रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के हर महीने आने वाले नोटिस में प्रकाशित किया गया है.

इसमें कहा गया है कि सितारों की गति गुरुत्वाकर्षण के शक्तिशाली केंद्र से प्रभावित होती है.