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ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में शामिल है. जितना ये मशहूर है, उससे ज्यादा इससे जुड़ी कहानियां फेमस हैं. अक्सर ताजमहल के तहखाने और इसके 22 कमरे चर्चा में रहते हैं.
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ताजमहल के तहखाने के अंदर बने कमरों को लेकर तरह-तरह की बात कही जाती है. यही वजह है कि इसे खोलने के लिए एक बार कोर्ट में याचिका भी दी गई थी.
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उस वक्त कहा ये जा रहा था कि तहखाने में बनें 22 कमरों में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां रखी हुई हैं. तब भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण (ASI) ने अंदर के कमरों की बाहरी तस्वीर भी जारी की थी.
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इसके बाद ताजमहल के 22 कमरे काफी चर्चा में रहे. इसको लेकर कई लोगों ने कई तरह की बातें बताई. कुछ जो इन कमरों को विजिट कर चुके थे, उन्होंने दिलचस्प बातें कही.
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कई दशक पहले तक ताजमहल के अंदर वाले हिस्से तक जाने की लोगों को अनुमति थी. उसी दौर में ताजमहल के अंदर जाने वाले कुछ लोगों ने बताया कि अंदर एक कतार में करीब 15 कमरे हैं और कुछ छोटे-छोटे भी कक्ष बने हुए हैं.
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इन कमरों तक संकरे गलियारे से पहुंचा जा सकता है. सब के सब कमरे रिवरफ्रंट हैं. एक विदेशी रिसर्चर के अनुसार जो वहां जा चुकी हैं. उनका कहना है कि कमरे सुंदर मेहराबों के साथ नदी की तरफ खुलते हैं.
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उनके अनुसार उन कमरों को शहंशाह ने वहां आने के पर आराम फरमाने के लिए बनवाया होगा. दूसरे कमरों में उनके कर्मचारी ठहरते होंगे. कमरा अंतिम बार 1934 में खुला था.
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ताजमहल का अध्ययन करने वाले और पहले उन तहखानों तक जा चुके कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि तहखाने के अंदर खूबसूरत रंग रोगन वाला गलियारा याद है. उसी से लगे 22 कमरे बने हुए हैं.
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अनुमान है कि ये गलियारा शहंशाह के आने का रास्ता था. शाहजहां यहां नाव से आते थे. इतिहासकारों का मानना है कि चमेली फर्श पर यमुना के किनारे की तरफ बेसमेंट में नीचे जाने के लिए दो जगह पर सीढ़ियां बनी हुई हैं.
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इनके ऊपर लोहे का जाल लगाकर बंद कर दिया गया है. करीब 45 साल पहले तक सीढ़ियों से नीचे जाने का रास्ता खुला था. यहीं 22 कमरे बंद हैं. दशकों से इन कमरों को नहीं खोला गया, इसलिए इसके अंदर क्या है इस बारे में ठोस कुछ कहा नहीं जा सकता.
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