12 November 2024
भारत में एक ऐसी भी नदी है जो एक कुएं से निकलती है. सालभर कुएं से पानी निकलता रहता है. आग जाकर ये नदी पहाड़ों से नीचे गिरती है और बड़ी होती चली जाती है. इसकी रेत में कई जगह सोना भी मिलता है. (AI Generated Image)
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कुएं से निकलने वाली इस नदी की लंबाई 474 किलोमीटर है. यह तीन राज्यों से होकर गुजरती है.
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जिस नदी की बात कर रहे हैं, उसका नाम ही स्वर्णरेखा या सुवर्णरेखा है. यानी सोने की रेखा. इस नदी की रेत में सोने के कण पाए जाते हैं. (AI Generated Image)
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झारखंड की राजधानी रांची के पास पिस्का नगड़ी में इसका उदगम स्थल है. कहा जाता है वहां एक कुएं से ये नदी निकलती है.
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आगे जंगलों में जाकर इसमें कुछ और सहायक नदियां मिलती हैं और यह बड़ी होती चली जाती है. इस नदी पर ही झारखंड का सबसे बड़ा जल प्रपात हुंडरू है. (AI Generated Image)
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यह झारखंड के रांची, सरायकेला खरसावां, पूर्वी सिंहभूम जिलों से होकर लंबी दूरी तय करती है. इसके बाद यह पश्चिम बंगाल से होते हुए ओडिशा पहुंच जाती है. (AI Generated Image)
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स्वर्णरेखा नदी की रेत में सोने के कण पाए जाते हैं. आस-पास के क्षेत्र के स्थानीय आदिवासी इसकी रेत से सोने के कण निकालते हैं. (AI Generated Image)
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झारखंड के तामाड़ और सारंडा क्षेत्रों में नदी की रेत से सोना निकाला जाता है. सोने के कणों का आकार चावल के दाने जितना होता है और कभी-कभी उससे भी छोटा होता है. (AI Generated Image)
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रेत से सोना निकालने का काम कुछ लोग पीढ़ियों से कर रहे हैं. रेत को छानने और सोना निकालने की प्रक्रिया पूरे साल चलती है. (AI Generated Image)
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नदी के तल से सोना निकालते का काम सिर्फ मानसून के मौसम में बंद हो जाता है. यह काम काफी थकाने वाला होता है, क्योंकि काफी समय देने के बाद भी कभी-कभी कुछ नहीं मिलता. (AI Generated Image)
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