यहां 50 लाख से ज्यादा है एवरेज सैलरी, गरीब ढूंढने से भी नहीं मिलते!

9  Feb 2025

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ये दुनिया संभावनाओं से भरी हुई है, ठीक वैसे ही जैसे सितारों से भरा आसमान. क्या आपको पता है कि इस दुनिया में एक ऐसा देश भी है, जहां गरीबी नाम की कोई चीज नहीं है?

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अगर अमीर देशों की बात करें तो अमेरिका, चीन और सऊदी अरब का नाम लिया जाएगा, लेकिन इन देशों में गरीब भी रहते हैं.

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वहीं, लक्जमबर्ग एक ऐसा देश है, जहां सिर्फ अमीर लोग बसते हैं और गरीबी नाम की कोई चीज नहीं है.

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ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक्स को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (OECD) की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, लक्जमबर्ग में औसत सैलरी 50 लाख रुपये से ऊपर जाती है.

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रिपोर्ट के मुताबिक, यहां के हर शख्स करीब-करीब करोड़पति है. इस छोटे से देश में महज 6.60 लाख लोग रहते हैं, जो इसे दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक बनाता है.

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लक्जमबर्ग की अमीरी का कारण इसका मजबूत वित्तीय सिस्टम है, जिसमें इंटरनेशनल बैंक्स, इंश्योरेंस कंपनियां और इन्वेस्टमेंट फंड्स का बड़ा जमावड़ा है. 

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यहां की फायदे वाली टैक्स पॉलिसी और स्थिर पॉलिटिकल माहौल ने ग्लोबल कंपनियों और इन्वेस्टर्स को काफी आकर्षित किया. 

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यह एक ऐसा देश है जहां सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह से मुफ्त है. यूरोपीय संघ के सभी देशों के मुकाबले यहां प्रति व्यक्ति कार की संख्या सबसे ज्यादा है.

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यह एक ऐसा देश है जहां सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह से मुफ्त है. यूरोपीय संघ के सभी देशों के मुकाबले यहां प्रति व्यक्ति कार की संख्या सबसे ज्यादा है.

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हर दिन वे लक्जमबर्ग में नौकरी करने आते हैं और शाम को रहने के लिए बेल्जियम या फ्रांस जैसे देशों में चले जाते हैं, क्योंकि वहां का किराया काफी कम होता है और जीवन स्तर भी उतना उच्च नहीं होता. 

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हर दिन वे लक्जमबर्ग में नौकरी करने आते हैं और शाम को रहने के लिए बेल्जियम या फ्रांस जैसे देशों में चले जाते हैं, क्योंकि वहां का किराया काफी कम होता है और जीवन स्तर भी उतना उच्च नहीं होता. 

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यही वजह है कि आंकड़ों में लक्ज़मबर्ग में केवल अमीर लोग ही नजर आते हैं, क्योंकि असलियत ये है कि गरीब या कम आय वाला व्यक्ति यहां रहना अफोर्ड ही नहीं कर सकता.

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यही वजह है कि आंकड़ों में लक्ज़मबर्ग में केवल अमीर लोग ही नजर आते हैं, क्योंकि असलियत ये है कि गरीब या कम आय वाला व्यक्ति यहां रहना अफोर्ड ही नहीं कर सकता.

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