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टाइम ट्रैवल को लेकर लंबे समय से तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं. लेकिन ये सच है या नहीं इसकी आज तक पुष्टि नहीं हो पाई है.
लेकिन आए दिन ऐसे दावे किए जाते हैं, जिनमें कहा जाता है कि टाइम ट्रैवल सच में होता है. ऐसी कुछ घटनाएं सामने आने की बात कही जाती है.
आज हम ऐसी ही कुछ घटनाओं के बारे में बात करने वाले हैं. इन घटनाओं की कभी पुष्टि नहीं हो पाई है लेकिन बार-बार इनकी चर्चा जरूर होती है.
1. एक पायलट ने स्कॉटलैंड में दावा किया था कि उन्होंने साल 2030 में टाइम ट्रैवल किया है. ये RAF एयर मार्शल सर रॉबर्ट विक्टर गोडार्ड था.
उन्होंने कहा था कि ऐसा उनके साथ दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हुआ था. तब वो 1939 में एक फ्लाइंग मिशन पर थे. वो एक इलाके के ऊपर विमान उड़ा रहे थे, उन्होंने अपने नीचे एयर बेस का नजारा बदलते देखा था.
2. ऐसा दावा किया गया कि चार्ली चैपलिन की 1928 की फिल्म द सर्कस के बैकग्राउंड में एक महिला ने अपने कान पर मोबाइल फोन लगाया हुआ था. जबकि ये डिवाइस 50 साल बाद आया था.
3. ऐसा कहा जाता है कि जुलाई 1954 में टोक्यो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे एक शख्स से कहा गया कि उसके पास जिस देश का पासपोर्ट है, वैसा कोई देश है ही नहीं.
उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. उसने दावा किया कि उसका घर टौरेड में है. 1,000 साल से अधिक पुराना है. मैप पर उसने जो जगह दिखाई वो अंडोरा थी. अगले दिन शख्स होटल रूम से गायब हो गया.
4. ऐसा दावा है कि डच मास्टर फर्डिनेंड बोल की पेंटिंग पोर्ट्रेट ऑफ ए बॉय में एक 17वीं शताब्दी का बच्चा दिखा. जिसके जूतों पर नाइकी का साइन बना हुआ था.
5. अमेरिकी सेना के पूर्व हेलीकॉप्टर पायलट एलेक्स कोलियर ने दावा किया था कि अस्सी के दशक में एलियंस द्वारा अपहरण किए जाने के बाद उन्होंने टाइम ट्रैवल किया था.
उन्होंने कहा था कि वो उनके साथ 3 महीने तक रहे. लेकिन जब धरती पर लौटे तो केवल 18 मिनट ही बीते थे. उन्होंने बताया कि उनका 1 दिन हमारे यहां के 31 दिन के बराबर है.